नई दिल्ली, रूस-यूक्रेन वॉर के चलते मंगलवार देर रात्रि यूक्रेन से उत्तराखंड के 28 और छात्र दिल्ली एयरपोर्ट के जरिए देश लौटे है। जिन्हें उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों ने एयरपोर्ट पर रिसीव किया। इसके अलावा में कुछ छात्र मुंबई एयरपोर्ट के जरिए भी भारत लौटे हैं। मंगलवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के साथ विशेष मीटिंग कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर रात विदेश से लौटे स्टूडेंट्स से बात भी की।
रूस के आक्रमण के चलते यूक्रेन में प्रतिकूल हालात के बीच वहां रह रहे विद्यार्थियों में भय का माहौल है तथा उनके परिजन भी यहां परेशान हैं। नैनीताल निवासी प्रह्लाद रावत ने भी आज राहत की सांस ली है। उनके पुत्र राहुल सुरक्षित रोमानिया तक पहुंच गए हैं। बता दें कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध में यूं तो भारत के 16 हजार से अधिक विद्यार्थी फंसे हुए हैं। इनमें से नैनीताल नगर की भी चार विद्यार्थी शामिल हैं। उर्वशी और प्रेरणा बीते दिवस सुरक्षित अपने घर पहुंच गए। जबकि राहुल रावत रोमानिया एयरपोर्ट के समीप पहुंच चुके हैं।
राहुल के पिता प्रहलाद ने बताया कि बीते दो दिनों से उनकी बेटे से बात नहीं हो पा रही थी इसलिए परिजन परेशान थे। लेकिन आज सुबह उसके सुरक्षित रोमानियाँ में होने की जानकारी मिली। नगर की छात्रा आयुषी अभी खरकीव क्षेत्र में रहकर बंकर में शरण लिए हुए है।
खारकीव रेलवे स्टेशन पर फंसा अनुराग, परिजनों ने लगाई सुरक्षा की गुहार
कोटद्वार, यूक्रेन के खारकीव में बमबारी के बीच अब भी कोटद्वार का एक छात्र अनुराग पंवार फंसा हुआ है। अनुराग के परिजनों को उसकी सलामती की चिंता सता रही है। बुधवार दोपहर से वह खारकीव के रेलवे स्टेशन पर फंसा हुआ है। अनुराग ने बताया कि उसे वहां से जाने वाली रेल में जगह नहीं मिल रहा है। अनुराग की स्थिति जानने के बाद परिजनों का बुरा हाल है। उन्होंने भारत सरकार से उनके बेटे को सकुशल खारकीव से निकालने की गुहार लगाई है।
कोटद्वार के जौनपुर निवासी अधिवक्ता किशन सिंह पंवार का पुत्र अनुराग पंवार यूक्रेन में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का छात्र है। वह अपने सहपाठियों के साथ खारकीव में फंसा हुआ है। अनुराग पिछले तीन दिन से वहां से निकलने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बंकर के बाहर हो रही बमबारी के कारण नहीं निकल पा रहा है। अनुराग के पिता किशन पंवार ने बताया कि सोमवार को उसके साथियों ने रेल से बाहर निकलने की योजना बनाई थी। तब तक कर्नाटक के युवक की मौत की सूचना मिलते वह डर गया और बाहर नहीं निकला। मंगलवार को अपने सहपाठियों के साथ खारकीव से रोमानिया बॉर्डर जाने के लिए उसने बस बुक की थी, लेकिन बमबारी के कारण बस उन तक नहीं पहुंच सकी। जिससे वे मायूस हो गये | बुधवार को अनुराग अपने सहपाठियों के साथ रेलवे स्टेशन के लिए निकला। वे किसी तरह बचते-बचाते दोपहर तक खारकीव रेलवे स्टेशन पहंच गए। लेकिन, रेल के अंदर भारतीय छात्रों को घुसने नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण वह और उसके साथी खारकीव रेलवे स्टेशन पर फंस गए हैं। यहां परिजनों को बेटे की चिंता सता रही है। उन्होंने भारत सरकार से उनके बेटे को स्वदेश लाने के लिए मदद की गुहार लगाई है।
बादशाहपुर का वैभव खारकीव में फंसा, परिजनों की चिंता बढ़ी
हरिद्वार, पथरी के बादशाहपुर का वैभव अभी तक खारकीव में फंसा है। बुधवार को वैभव की अपने परिजनों से फोन पर बातचीत हुई, लेकिन अब हालात बिगड़ता देख परिजनों की चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास की नई एडवायजरी जारी किए जाने के बाद उत्तराखंड में परिजनों की धड़कनें बढ़ गई हैं। यूक्रेन में उत्तराखंड के अभी भी कई छात्र फंसे हुए हैं। बादशाहपुर निवासी वैभव ने परिजनों को वीडियो कॉल कर वहां के हालात के बारे में बताया तो परिजनों का चिंता से बुरा हाल हो गया।
रूस की यूक्रेन में लगातार हो रही बमबारी से वहां फंसे छात्रों के परिजन चिंतित हैं। पथरी के बादशाहपुर का वैभव भी अभी तक खारकीव में फंसा है। बुधवार को वैभव की अपने परिजनों से फोन पर बातचीत हुई। उसने अपने माता-पिता को खारकीव का मंजर बताया तो माता-पिता सहित अन्य परिजन वैभव को देख भावुक हो गया। बादशाहपुर निवासी वैभव सैनी के पिता रविन्द्र कुमार सैनी शिक्षक हैं। वैभव यूक्रेन केखारकीव से एमबीबीएस कर रहा है। रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद भी वैभव अपने साथियों के साथ वहां फंसा है। जिसके बाद से वैभव के परिजन बेटे की सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं।
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