सरगुजा: सरगुजा जिले के लुंड्रा में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां बैंक कर्मचारियों की लापरवाही उनपर ही भारी पड़ गई. इस लापरवाही की वजह से एक जनपद सदस्य को लाखों रुपये का फायदा हो गया.
वहीं अब बैंक कर्मचारी जनपद सदस्य के घर का चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं.
दरअसल पूरा मामला जिला मुख्यालय अंबिकापुर स्थित इंडसइंड बैंक का है. हुआ यूं कि लुण्ड्रा विकासखंड के ग्राम पंचायत असकला निवासी लुंड्रा जनपद सदस्य जगेश्वर सिंह ने राष्ट्रीय बागवानी निर्माण योजना के तहत पैक हाउस बनाने के लिए उद्यान विभाग में आवेदन दिया था. जिसकी लागत 4 लाख रुपये थी. वही निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जनपद सदस्य को 2 लाख रुपये का अनुदान सरकार से मिलना था. जनपद सदस्य ने सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर पैक हाउस का निर्माण करवा लिया. वहीं इंडसइंड बैंक द्वारा जब जनपद सदस्य जगेश्वर सिंह के खाते में अनुदान की राशि ट्रांसफर की गई तो इसी दौरान एक बैंक कर्मचारी से बड़ी चूक हो गई.
2 लाख की जगह 20 लाख गए
बैंक कर्मचारियों ने 2 लाख रुपये की जगह बैंक कर्मचारी ने 20 लाख रुपए जनपद सदस्य के खाते में ट्रांसफर कर दिया. इधर 20 लाख रुपये खाते में आते ही जनपद सदस्य की मौज हो गई. बैंक अपना 18 लाख रुपये वापस ले पाता इससे पहले जगेश्वर सिंह ने अपने खाते से 14 लाख रुपये निकाल कर उस रकम को अपने निजी कार्यों के लिए खर्च कर दिया. इधर जब इंडसइंड बैंक प्रबंधन को मामले की जानकारी लगी तो उनके होश उड़ गए.
6 लाख रुपये लौटा दिए
बैंक के कर्मचारी तत्काल जनपद सदस्य जगेश्वर सिंह के घर पहुंच कर 18 लाख रुपये वापस करने को कहा लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. जनपद सदस्य 14 लाख रुपए को खर्च कर दिया. वहीं बैंक प्रबंधन के कहने पर खाते में बचे 6 लाख रुपए को जनपद सदस्य ने पुनः बैंक को वापस लौटा दिया. लेकिन बीच रखम 12 लाख रुपए लेने के लिए बैंक के कर्मचारी अभी भी जनपद सदस्य के घर का चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं.
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मोदी ने 15 लाख रुपये दिए
इस मामले में जनपद सदस्य जगेश्वर सिंह का कहना हैं कि उसने बड़ी रकम को यह समझ कर खर्च किया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी योजना के तहत उसके खाते में 15 लाख रुपए डलवाये हैं. बहरहाल इंडसइंड बैंक कर्मचारियों की एक चूक उनके लिए मुसीबत बन गई है. गलती से जनपद सदस्य के बैंक खाते में ट्रांसफर हुए बड़ी रकम को वापस लेने के लिए बैंक कर्मचारियों को पापड़ बेलना पड़ा रहा है.
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