“अगड़े पिछड़े और दलितों के अधिकारों की लडाई लड़कर बाबू जगजीवन राम ने सामाजिक न्याय का रास्ता प्रशस्त किया : नानक चंद”
देहरादून, भारतीय दलित साहित्य अकादमी उत्तराखण्ड के तत्वाधान में जन नायक एवं भारत के पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व.बाबू जगजीवन राम की 116वीं जयंती पर “भारत में सामाजिक न्याय और कांग्रेस पार्टी में उनके योगदान” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया है। गोष्ठी में विभिन्न संगठनों के जन प्रतिनिधियों ने भाग लिया, गोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. जयपाल सिंह प्रदेश अध्यक्ष, एवं संचालन चन्द्रसैन, प्रदेश महासचिव, भारतीय दलित साहित्य अकादमी, उत्तराखण्ड ने किया।
मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत करते हुये राष्ट्रीय सामाजिक न्याय कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष नानक चंद ने कहा कि बाबू जगजीवन राम जी एक साधारण परिवार में पैदा हुए और बहुत ही प्रादुर्भाव से गुजर कर इतनी बड़ी शक्सियत बने। उन्होंने देश को मजबूत किया, अगड़े पिछड़े और दलितों के अधिकारों की लडाई लड़कर सामाजिक न्याय का रास्ता प्रशस्त किया। विशिष्ट अतिथि देवेन्द्र सिंह महासचिव इण्टर नेशनल ह्युमन राइट्रस काउंसिल ने कहा कि बाबू जगजीवन राम जी भारत के जन नायक रहे जिनके अनुभव और कुशल नेतृत्व से देश को उनके कृषि, रेल, रक्षा और श्रम जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों में रहते हुये बहुत बड़ी कामयाबी और मजबूती मिली। हमने 1971 में बंगलादेश की लडाई लड़ी और कृषि में हरित क्रांति ला सके। रेल लाइन का पूरे देश में जाल बिछा सके। बाबूजी कांग्रेस पार्टी के सच्चे सिपाही और सतम्भ थे। लेकिन कांग्रेस ने उनको वह सम्मान नही दिया जिसके वह हकदार थे। वास्तव में उनको भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिये। चन्द्रसैन प्रदेश महासचिव ने कहा कि बाबूजी भारतीय दलित साहित्य अकादमी के संस्थापक अध्यक्ष है। बाबूजी ने अखिल भारतीय रविदास सभा एवं भारतीय दलित वर्ग संघ के अध्यक्ष रहे जिससे समाज में राजनीतिक व सामाजिक सोच के साथ समाज को एकजूट करने का संदेश दिया। बाबूजी ने सरकार द्वारा आरक्षण के तहत सरकारी नौकरियों में दलित समाज को प्रतिनिधित्व दिलाकर उनके विकास में अहम् योगदान दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष जयपाल सिंह ने उपरोक्त वक्ताओं से अपने को सम्बद्ध करते हुये कहा कि बाबूजी अकादमी के संस्थापक है। आज हम सब उनको याद करते है और अपनी सादर पुष्पांजली अर्पित करते है। भारत सरकार से मांग करते है कि बाबूजी को भारत रत्न से सम्मानित करे।
गोष्ठी में मुख्य रुप से करताराम कीर्ति, कल्याण सिंह, प्रीतम सिंह, कुलवंत सिंह, एससीएसटी एसोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष तारा चंद, दिलीप चन्द आर्य, नत्थु सिंह रवि, आशा टम्टा, डा. कैलाशनाथ चिरंजी लाल, मनोहर लाल, संजय कुमार, तारा देवीं नम्बदी आदि मौजूद रहे |
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