देहरादून, भाजपा की विधान सभा प्रत्याशियों की पहली सूची में महिलाओं को मात्र 10 फीसदी टिकट दिये गये, जबकि विधायक रितु खंडूड़ी और मुन्नी देवी दोनों को इस मैंदान में नहीं उतारा गया, इसके साथ पूरा मंत्रिमंडल फिर से चुनाव मैदान में खड़ा किया |
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की 2022 नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने से एक दिन पहले सत्तारूढ दल भाजपा ने 59 सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। शेष 11 सीटों पर अभी किसी एक उम्मीदवार का नाम तय नहीं हो सका है।
भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति द्वारा नई दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय से जारी इस सूची में मुख्यमंत्री समेत मंत्रिमंडल के सभी 10 सदस्यों का नाम शामिल है। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को पार्टी चंद दिन पहले ही बाहर का रास्ता दिखा चुकी है, हालांकि कोटद्वार सीट पर अभी उम्मीदवार का नाम नहीं आया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खटीमा से ही चुनाव लड़ेंगे। पहली सूची में पार्टी ने केवल 6 महिलाओं को ही टिकट दिया है, इनमें पिथौरागढ़ और सोमेश्वर (एससी) सीटों पर सीटिंग विधायक हैं और इसके साथ ही देहरादून कैंट, खानपुर, यमकेश्वर और नैनीताल (एससी) सीटों पर भी पार्टी ने महिला उम्मीदवारों के नाम तय किए हैं।
बीते दिनों ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई सरिता आर्य को नैनीताल से टिकट मिला है, वहीं यमकेश्वर की वर्तमान विधायक रितु खंडूड़ी का टिकट काट दिया है। इस सूची में भाजपा ने केवल 10 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवार तय की हैं, यह विधायिका में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण की मांग के केवल एक तिहाई है। विधायकी और कांग्रेस से त्यागपत्र देकर तीन माह पूर्व काफी सुर्खियों के साथ भाजपा में शमिल हुए पुरोला(एससी सुरक्षित) के निवर्तमान विधायक राजकुमार को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया है, पर पिछली बार निर्दलीय टिकट पर धनोल्टी से जीते प्रीतम सिंह पंवार और भीमताल से विजयी रहे राम सिंह कैड़ा दोनों को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। डोईवाला सीट के सीटिंग विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के चुनाव लड़ने से पीेछे हटने की घोषणा से फंसे पेंच की वजह से देहरादून जिले की यह एकमात्र सीट बची है जिस पर पार्टी ने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है, जिले की बाकी नौ सीटों पर प्रत्याशी तय हुए हैं। सात सीटों पर सीटिंग विधायकों को फिर टिकट मिला, रिक्त हुई कैंट सीट पर सविता कपूर का नाम जारी हुआ है, वहीं जिले की चकराता एसटी सुरक्षित सीट पर इस बार पार्टी ने पिछली बार हार का मुंह देख चुकी मधु चौहान को दुबारा चुनाव मैदान में न उतारकर रामशरण नौटियाल को टिकट दिया हैं।
चमोली जनपद में कर्णप्रयाग और थराली (एससी सुरक्षित) सीट पर भाजपा ने वर्तमान विधायकों के टिकट काट दिए हैं। कर्णप्रयाग से पूर्व विधायक अनिल नौटियाल को टिकट मिला है जबकि थराली से वर्तमान विधायक मुन्नी देवी को पुनः टिकट न देकर भोपाल राम टम्टा को सूची में जगह दी गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पुनः हरिद्वार सीट पर उतरेंगे। भाजपा ने इस बार बाहुबली करतबों के लिए चर्चित खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन का टिकट भी काट दिया है। दुष्कर्म मामले में आरोपी द्वाराहाट विधायक महेश नेंगी का भी पार्टी ने पत्ता काट दिया है। इस बार वहां से अनिल शाही को चुनाव मैदान में उतरने की हरी झंडी मिली है। भाजपा के येप्रत्याशियों की सूची आने के बाद अब जल्दी ही कांग्रेस भी अपने पत्ते खोलेगी, जबकि यूकेडी, आप सहित कई अन्य दल कुछ सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पहले ही जारी कर चुके हैं।
भाजपा में टिकट न मिलने पर बगावत हुई शुरू
भाजपा में उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होते ही बगावत के होनी शुरू हो गयी । वहीं इस बार करीब 10 नेताओंं के टिकट कटे हैं, पार्टी पर दगाबाजी का आरोप
कर्णप्रयाग विधानसभा से टिकट न मिलने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता टीका प्रसाद मैखुरी ने पार्टी के विरोध में चुनाव लड़ने का एलान किया है। टिकटों के एलान के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर बगावत कर दी है। उन्होंने पार्टी पर दगाबाजी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मेरे साथ पार्टी ने लगातार धोखा और अन्याय किया है। जिसका प्रतिशोध जनता और मेरे मन में है। मैंने हमेशा पार्टी को अपनी मां के समान समझकर काम किया है। कभी पार्टी से दगाबाजी नहीं की है, लेकिन जिन लोगों ने पार्टी के साथ दगाबाजी की और पार्टी का विरोध किया, उन्हें पार्टी ने आगे किया। वहीं
पूर्व दर्जाधारी जगवीर सिह भंडारी भाजपा के प्रत्याशी के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव
वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व दर्जाधारी जगवीर सिह भंडारी ने यमुनोत्री विधान सभा क्षेत्र से भाजपा के अधिकृति प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा में निष्ठावान और जमीन से जुडे़ हुए कार्याकर्ताओं की पहचान की कमी है। मेरे साथ हर बार धोखा किया जाता है। वह यमुनोत्री विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लडे़ंगे। जगवीर भंडारी ने 2012 में यमुनोत्री विधान सभा क्षेत्र से भाजपा पार्टी से चुनाव लड़ा था, जिसमें इन्हें 12680 वोट मिले थे।
टिहरी की देवप्रयाग विधानसभा सीट से सीटिंग विधायक विनोद कंडारी का नाम भाजपा प्रत्याशी के तौर पर घोषित होने पर टिकट के दौड़ में आगे माने जा रहे पूर्व प्रमुख मगन सिंह बिष्ट ने तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने टिकट बंटवारे में धन-बल का आरोप लगाते हुए कहा कि वह जन आकांक्षाओं के अनुरूप विधान सभा चुनाव में खड़े होंगे व इसका जबाब देंगे।
पूर्व प्रमुख ने कहा कि पैनल में सबसे ऊपर उनका नाम था, बावजूद इसके पार्टी के कुछ प्रमुख पदाधिकारियों द्वारा सीटिंग विधायक को तरजीह दी गई। टिकट कटने से नाराज पूर्व प्रमुख बिष्ट सीटिंग विधायक पर जमकर बरसे।
सूरज घिल्डियाल ने छोड़ी भाजपा
भाजयुमो के पूर्व प्रदेश सचिव सूरज घिल्डियाल ने डॉ. धन सिंह रावत को टिकट मिलने और डॉ. हरक सिंह रावत को पार्टी से निष्कासित किए जाने के विरोध में भाजपा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया है। घिल्डियाल ने कहा कि भाजपा ने डॉ. रावत को जिस प्रकार पार्टी से अपमानित कर मंत्रिमंडल और पार्टी से निष्कासित किया है, उससे वह आहत हैं। उन्होंने स्थानीय विधायक डॉ. धन सिंह रावत पर युवाओं और क्षेत्र की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। उधर भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री बलवीर घुनियाल को थराली विधानसभा सीट से टिकट न मिलने पर उन्होंने इसे कार्यकर्ताओं की उपेक्षा बताते हुए नाराजगी जताई। कहा कि इससे लंबे समय से पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं का मनोबल कम हुआ है।
थराली विधानसभा सीट में पिंडर थराली, देवाल, नारायणबगड़ तथा घाट ब्लॉक शामिल है। बलवीर घुनियाल 2007 से टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को भाजपा ने 59 प्रत्याशियों की घोषणा की, जिसमें थराली सीट से भूपालराम टम्टा का नाम शामिल है, भूपालराम टम्टा को अपना प्रत्याशी बनाए जाने पर पार्टी के प्रदेश मंत्री बलवीर घुनियाल ने कहा कि वर्ष 2017 में भी उनका टिकट अंतिम समय में काट दिया गया। इस बार भी उनका टिकट अंतिम समय में काट दिया गया। उन्होंने कहा कि भूपाल राम टम्टा 2018 में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए। पार्टी अगर ऐसा करेगी तो भाजपा से कार्यकर्ता कैसे जुड़ेंगे। कांग्रेस से आए व्यक्ति को टिकट देना कार्यकर्ताओं की उपेक्षा है। वहीं, टिकट नहीं मिलने पर सिटिंग विधायक मुन्नी देवी शाह भी हताश है |
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