देहरादून, अखिल गढ़वाल सभा का 10 दिवसीय कौथिग का रंगारंग कार्यक्रम के साथ आगाज हो गया। ढोल-दमाऊं व रणसिंघा की धुन पर दिन में प्रदेशभर से पहुंची अलग-अलग टोलियों ने पारंपरिक परिधान के साथ विराट सांस्कृतिक सद्भावना रैली निकाली। देर शाम गढ़वाल, कुमाऊं व जौनसार के कलाकारों ने लोकनृत्य से मंच पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक को प्रदर्शित किया।
रेसकोर्स स्थित गुरु नानक बालिका इंटर कालेज के मैदान में महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, काबीना मंत्री डा. धन सिंह रावत ने दीप जलाकर किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कौथिग का नाम सुनते ही कभी मन में तमाम प्रकार की हिलोरे मारने लगते थे। सालभर से इंतजार करते थे, जो कभी दुर्लभ होता था।
आज संस्कृति के संवर्धन के लिए कार्य कर रहे अनेक संगठन इसे शहर के बीच में लाने का प्रयास कर रहे हैं जो सराहनीय है। इससे नई पीढ़ी सांस्कृतिक विरासत को पहचानेगी। उत्तराखंड नंबर एक पर सांस्कृतिक हब और दुनिया में पर्यटन, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप में जाना जाए, इसके लिए सरकार भी प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रही है। उन्होंने अखिल गढ़वाल सभा के भवन निर्माण पर कहा कि सभा जब भी भवन बनाएगी तो बजट की कमी नहीं पड़ेगी। इसके लिए प्रयास किए जाएंगे। अच्छा प्लान बनाकर कार्य शुरू करें जिसमें राज्य की सांस्कृतिक झलक दिखे। विकास की दौड़ चलनी चाहिए, लेकिन हमें संस्कृतिक को भी आगे बढ़ाना है।
अध्यक्ष रोशन धस्माना ने कहा कि वर्ष 1998 से लगातार इस महोत्सव को किया जा रहा है। इसके बाद मंच पर नंदलाल भारती के जौनसार दल के कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। पिथौरागढ़ से प्रकाश रावत की टीम ने माता ओ दुर्गा माता.., जय हो कुमाऊं, जय हो गढ़वाल, भल लागू मेरो पहाड़, तेरी माया बड़ी.., क्रीम पौडरा.. पर छोलिया नृत्य की प्रस्तुति दी। अल्मोड़ा से विहान सांस्कृतिक ग्रुप ने रंगारंग प्रस्तुति दी। चमोली के कलाकारों ने लास्पा नृत्य किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत, राजपुर रोड विधायक खजान दास, कपकोट के विधायक सुरेश गड़िया, रानीखेत के विधायक प्रमोद नैनवाल, अखिल गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना, महासचिव गजेंद्र भंडारी, पंडित उदयशंकर भट्ट, अजय जोशी, जसबीर सिंह बिंद्रा आदि मौजूद रहे।
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