हरिद्वार, (कुलभूषण शर्मा)। गुरू रविदास सामाजिक समरसता के सच्चे संवाहक थे। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करते हुए सामाजिक समरसता व समाज के वंचित कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने का कार्य किया। यह विचार प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल ने उत्तरी हरिद्वार मुखिया गली स्थित ललित आश्रम में अखिल भारतीय रविदासीय धर्म संगठन द्वारा गुरू रविदास जी के 646वें प्रकट दिवस समारोह को सम्बोधित करते व्यक्त किये।
पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि गुरू रविदास महाराज ने समाज में व्याप्त कुरीतियों व दूरियों को समाप्त करते हुए अखण्ड भारत को मजबूत करते हुए इस्लामिक सत्ता के युग में हिन्दू धर्म की रक्षा करने का कार्य किया।
कार्यक्रम के आयोजक संत निरंजन दास ने कहा कि गुरू रविदास मध्यकाल में भारतीय संत कवि सतगुरु थे। इन्हांेने रविदासी, रैदासी पंथ की स्थापना की और इनके रचे गये कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं। इन्होंने जात पात का घोर खंडन किया और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाया। आज उनके बताये हुए मार्ग पर चलकर सामाजिक एकता व सद्भाव की रक्षा संभव है।
भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि गुरू रविदास जी महाराज ने सामाजिक विघटन को समाप्त करते हुए हिन्दू धर्म में एकता के लिए कुरीतियों व पाखण्ड पर प्रहार किया। उन्होंने समूचे जीवन में कर्म की प्रधानता व मन की शुद्धि पर विशेष बल दिया।
जिला पंचायत सदस्य दर्शना ने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग व महिलाओं के उत्थान में गुरू रविदास जी के वचनों का विशेष महत्व है। उन्हांेने अपना समूचा जीवन वंचितों, शोषितों उत्थान को समर्पित किया है।
समारोह में देशभर से आये श्रद्धालु अनुययियों ने गुरू रविदास जी को अपनी भावभीनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।
Recent Comments