देहरादून, खून से सम्बंधित अनुवांशिक बीमारी ‘थैलेसीमिया’ के प्रति जागरूकता हेतु आज विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जा रहा है| इस उपलक्ष्य में रेड क्रॉस सोसाइटी, एनएसएस और आईपीए-एसएफ के सहयोग से देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में मेगा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सभी ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया|
मेगा रक्तदान शिविर का उदघाटन करते हुए स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूज़न काउंसिल, उत्तराखंड के निदेशक डॉ. अजय कुमार ने कहा कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिक बीमारी है, जो रक्त कोशिकाओं के कमज़ोर होने और नष्ट होने के कारण होती है, जिसके कारण शरीर में खून की कमी होने लगती है| भारत में हर साल 10 से 15 हज़ार नवजात बच्चे अनुवांशिक तौर पर थैलेसीमिया बीमारी से ग्रसित हैं| दुनिया में बढ़ते थैलेसीमिया के प्रति जागरूकता हेतु 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस आयोजित किया जाता है| इस मौके पर देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी द्वारा मेगा ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित करना एक प्रशंसनीय कदम है| विश्वविद्यालय परिसर में स्कूल ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर के दौरान छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया गया, जिसमें लगभग 400 यूनिट रक्त एकत्र किया गया| इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संजय बंसल ने कहा कि छात्रों में रक्तदान के प्रति जागरूकता की दृष्टि से समय समय पर रक्तदान शिविर आयोजित किये जाते रहे हैं| वहीं, मेगा रक्तदान शिविर में छात्रों की बढ़चढ़ कर भागीदारी प्रशंसनीय है| इस अवसर पर रेड क्रॉस सोसाइटी, देहरादून शाखा के अध्यक्ष डॉ. एमएस अंसारी सहित विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. प्रीति कोठियाल, आईआरसीएस कोषाध्यक्ष मोहन खत्री, आईआरसीएस सचिव कल्पना बिष्ट, हिमालयन सोसाइटी ऑफ़ थैलेसीमिक्स के अध्यक्ष पुनीत कौरा, हीमोफीलिया फेडरेशन ऑफ़ इंडिया, यूके के महासचिव दीपक सिंघल, स्कूल ऑफ़ फार्मेसी एंड रिसर्च के डीन डॉ. सायंतन, प्रधानाचार्य अमनदीप सिंह, एनएसएस समन्वयक भूपेन्द्र आदि उपस्थित थे|
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