देहरादून, वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में हाईकोर्ट के आदेश पर पद से इस्तीफा देने वाले रूड़की नगर निगम के पूर्व मेयर गौरव गोयल को शासन ने पाक साफ माना है। प्रमुख सचिव शहरी विकास आर के सुधांशु के आदेश में गोयल के खिलाफ लगे आरोपों की जांच प्रक्रिया बन्द कर दी है। आदेश में कहा गया है कि पूर्व मेयर के खिलाफ किसी गंभीर वित्तीय अनियमितता की पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि, उनके खिलाफ की गई विस्तृत जांच में कतिपय आरोप सिद्ध हुए हैं। लेकिन गंभीर वित्तीय गड़बड़ी की पुष्टि नहीं होने पर पूर्व मेयर को कठोर चेतावनी के साथ जांच कार्यवाही बन्द की जाती है। जानकारी दे दें कि विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे गौरव गोयल ने कुछ महीने पहले मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था। 2019 में गोयल निर्दलीय चुनाव जीते थे। इसके बाद कई गम्भीर आरोपों में घिर गए थे। उनका मामला हाईकोर्ट तक भी गया। शासन द्वारा अपने आदेश में पूर्व मेयर को क्लीन चिट देने के बाद अब भी कई सवाल उठ रहे हैं।
प्रमुख सचिव के आदेश
उत्तराखण्ड शासन शहरी विकास अनुभाग – 01 संख्या-6100/ IV/(1)/2020 देहरादून दिनांक 28 अगस्त, 2023
कार्यालय ज्ञाप
नगर निगम, रूड़की के पूर्व महापौर श्री गौरव गोयल के विरूद्ध अवैध धनउगाही, भ्रष्टाचार, अनैतिक आचरण आदि की शिकायत एवं इस सम्बन्ध में मा० उच्च न्यायालय, उत्तराखण्ड, नैनीताल में दायर जनहित याचिका संख्या- 103 / 2022 श्री अमित अग्रवाल बनाम राज्य व अन्य में पारित आदेश दिनांक 21 जुलाई 2022 के क्रम में पूर्व महापौर, नगर निगम, रूडकी पर लगाये गये उक्त आरोपों के सम्बन्ध में जॉच कराये जाने हेतु शासन द्वारा जिलाधिकारी, हरिद्वार को निर्देशित किया गया जिसके क्रम में जिलाधिकारी, हरिद्वार के आदेश दिनांक 18.08.2022 के द्वारा मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में 04 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया।
2- जाँच समिति द्वारा प्रकरण की जाँच करते हुए अपनी जॉच आख्या प्रस्तुत की गयी जो जिलाधिकारी, हरिद्वार के पत्र दिनांक 06.11.2022 के माध्यम से शासन को प्राप्त हुई। उपरोक्त जाँच आख्या के आलोक में पूर्व महापौर श्री गौरव गोयल को नगर निगम अधिनियम 1958 (उत्तराखण्ड राज्य में यथाप्रवृत्त) के सुसंगत प्रावधानों के उल्लंघन किये जाने का प्रथमदृष्टया दोषी पाते हुए श्री गोयल के विरूद्ध दिनांक 23.01.2023 को ‘कारण बताओ नोटिस निर्गत किया गया। श्री गौरव गोयल द्वारा उक्त कारण बताओ नोटिस के क्रम में पत्र दिनांक 16.02.2023 के माध्यम से अपना लिखित अभिकथन उपलब्ध कराया गया।
3 – तद्पश्चात श्री गौरव गोयल, पूर्व महापौर, नगर निगम, रूडकी के लिखित अभिकथन को शासन के पत्र दिनांक 30.05.2023 द्वारा जिलाधिकारी, हरिद्वार को प्रेषित करते हुए नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 18 (1) के आलोक में परीक्षण कर तथा जॉच आख्या के बिन्दुओं पर श्री गोयल को अपना पक्ष रखे जाने का अवसर / व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए अपने अभिमत / संस्तुति सहित बिन्दुवार आख्या उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया गया जिसके क्रम में जिलाधिकारी, हरिद्वार के पत्र दिनांक 21.06.2023 द्वारा श्री गोयल के अभिकथन पर अपना अभिमत उपलब्ध कराया गया।
जिलाधिकारी, हरिद्वार द्वारा उपलब्ध करायी गयी जांच आख्या एवं श्री गौरव गोयल, पूर्व महापौर, नगर निगम, रूड़की के प्रत्युत्तर के परीक्षणोपरान्त पाया गया कि श्री गोयल द्वारा अपने पद के अधिकारों का दुरूपयोग किया गया तथा कर्मचारियों / अधिकारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया गया। इस सम्बंध में कर्मचारियों / अधिकारियों द्वारा अपने लिखित अभिकथन शपथ पत्र पर प्रस्तुत किये गये हैं जिसमें दर्ज बयान यह दर्शाता है कि श्री गौरव गोयल द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कर्मचारियों / अधिकारियों के कार्यकलापों में अनावश्यक हस्तक्षेप किया गया।
इस प्रकार की शिकायतें पूर्व में प्राप्त हुई थी और तद्समय जिलाधिकारी, हरिद्वार के जांचोपरान्त इन आरोपों की पुष्टि भी हुई थी जिसके क्रम में शासन द्वारा श्री गौरव गोयल को इस प्रकार के कृत्यों की पुनरावृत्ति न करने हेतु कार्यालय आदेश सं0-06 / IN (3) / 2022-2 (2) / 2021 दिनांक 04.01.2022 के माध्यम से चेतावनी भी निर्गत की गयी थी। सम्पादित जांच आख्या के साथ जो साक्ष्य उपलब्ध कराये गये हैं उससे विदित होता है कि उक्त चेतावनी दिनांक 04.01.2022 के पश्चात् भी श्री गोयल की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हुआ और इनके द्वारा ऐसे कृत्यों की पुनरावृत्ति की गयी। इस प्रकार श्री गोयल द्वारा सीधे-सीधे राजाज्ञा का उल्लंघन किया जाना सिद्ध होता है। श्री गोयल के उक्त कृत्यों में नगर निगम अधिनियम 1959 (उत्तराखण्ड राज्य में यथाप्रवृत्त) की धारा 16 (1) के बिन्दु 06/07/08/11 एवं 12 का उल्लंघन किया जाना पाया गया।
5- श्री गौरव गोयल, पूर्व महापौर, नगर निगम, रूड़की के विरूद्ध करायी गयी विस्तृत जॉच में कतिपय आरोप सिद्ध हुए हैं किन्तु किसी गंभीर वित्तीय अनियमितता की पुष्टि नहीं हुई है। वर्तमान में श्री गोयल द्वारा अपने पद से त्याग पत्र दे दिया गया है, जिसे उत्तराखण्ड शासन द्वारा स्वीकार किया गया है। श्री गोयल के पद पर न होने एवं किसी गंभीर वित्तीय अनियमितता की पुष्टि न होने के दृष्टिगत किसी अन्य कार्यवाही का औचित्य न पाते हुए श्री गौरव गोयल, पूर्व महापौर, नगर निगम, रूड़की को भविष्य के लिए सचेत करते हुए कठोर चेतावनी के साथ उक्त जॉच कार्यवाही एतद्द्वारा निक्षेपित की जाती है।
भवदीय,
Signed by Ramesh Kumar Sudhanahu
रमेश कुमार सुधीर प्रमुख सचिव
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