(देवेन्द्र चमोली)
” अतिथि शिक्षको का कहना है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी के आदेशों के बाबजूद खण्ड शिक्षा अधिकारी अगस्त्यमुनी/जखोली/ऊखीमठ ने माध्यमिक अतिथि शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश देने से स्पष्ट मना कर दिया जबकि प्रदेश के अन्य जिलों में पूर्व की भांति अतिथि शिक्षकों को ग्रीष्म कालीन अवकाश को शैक्षणिक सत्र में सम्मिलित मानते हुये वेतनमान वेतनमान दिया गया है”।
रूद्रप्रयाग- जनपद में अतिथि शिक्षक एक बार फिर आंदोलन की राह पर आ गये मामला खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा अतिथि शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश वेतनमान रोके जाने का है। आक्रोशित अतिथि शिक्षकों ने जिला मुख्यालय में बैठक कर खण्ड शिक्षा अधिकारियों के इस निर्णय का जमकर विरोध किया व जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर खण्ड शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की।
माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ रुद्रप्रयाग ने खण्ड शिक्षा अधिकारी अगस्त्यमुनी/ जखोली व ऊखीमठ पर उनके ग्रीष्म कालीन अवकाश का वेतनमान न दिये जाने पर रोष जताया। अतिथि शिक्षको का कहना है कि मुख्य शिक्षा अधिकारी के आदेशों के बाद भी खण्ड शिक्षा अधिकारी ने उन्हे ग्रीष्मकालीन अवकाश का वेतनमान देने से मना कर दिया जबकि वर्ष 2015 से उन्हे ग्रीष्म कालीन व शीतकालीन अवकाश को शैक्षणिक सत्र मे सम्मिलित करते हुये उत्तराखंड के समस्त जिलों में ग्रीष्म कालीन अवकाश का मानदेय मिलता आ रहा था। लेकिन अब केवल जनपद रुद्रप्रयाग में खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा उनके साथ अन्याय किया जा रहा है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि अन्य जिलो मे अतिथि शिक्षकों को मई माह में पूरा वेतन मिला है जबकि रुद्रप्रयाग जिले में मई माह में 20967 रुपये का वेतन दिया है जो कि ग्रीष्म कालीन अवकाश से पूर्व का है। खंड शिक्षा अधिकारी ने ग्रीष्मकालीन अवकाश का वेतन देने को स्पष्ट मना कर दिया है । अतिथि शिक्षकों का कहना है कि उत्तराखंड राज्य में अतिथि शिक्षकों के लिए रुद्रप्रयाग जिले का अलग शासनादेश कैसे बनाया गया है। माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आशिष जोशी, महामंत्री चैन सिहं पंवार, रवीन्द्र जग्गी ,बीना किमोठी,विनय जगवाण आदि ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उनके रोके गये ग्रीष्मकालीन अवकास का मानदेय वेतनमान निर्गत कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।
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