(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- कहते है डाक्टर भगवान का रूप होता है, इस विश्वाश को एक बार फिर अपने प्रयासों साबित किया है जिला चिकित्सालय में तैनात गाईनी सर्जन कर्नल डा. संजीव कटारा ने । प्रसव पूर्व अपने सात बच्चों को खो चुकी सुनीता राणा ने दो महीने से डा. संजीव कटारा की निगरानी मे बीते शनिवार को आपरेशन द्वारा स्वस्थ्य बेटी को जन्म दिया तो उसके व उनके पति के खुशी का ठिकाना नहीं रहा, मानों डा. सजीव उनके लिये साक्षात भगवान के रुप में बनकर आये हो।
जिला चमोली की पोखरी विकास खण्ड के सरणा चांई गांव की 34 वर्षिय सुनीता राणा व उनके पति पुष्कर सिंह राणा की शादी के बाद 7 बच्चे प्रसव पूर्व मृत हुए। आर्थिक तंगी के बाबजूद भी इस दम्पति ने बच्चों की आस में देहरादून से लेकर कई अस्पतालों मे ईलाज करवाया लेकिन उन्हे निराशा ही हाथ लगी। हतास व निराश राणा दम्पति जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग मैं सेवा दे रहे गाईनी सर्जन डा. संजीव कटारा से मिले, उनकी समस्या को देखते हुये डा. कटारा ने उन्हे नई उम्मीद जगाई उन्होने दो महीने जिला अस्पताल में अपनी निगरानी में रखा , इस दौरान आवश्यक मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया आखिर कार शनिवार को सुनीता ने स्वस्थ्य बेटी को जन्म दिया। जच्चा बच्चा दोनो स्वस्थ्य है। खुशी से लवरैज सुनीता देवी व उसके पति को जैसे कर्नल डा. संजीव कटारा भगवान के रूप में मिले हो।
डा. संजीव कटारा का कहना है कि हताश राणा दम्पति की बात सुनकर उनके द्वारा उन्हे दो महीने अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई । फिर इन दो महीनों में अपने अनुभवों व सहयोगियों के साथ आवश्यक मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया उनके मेडिकल स्टाप के प्रयासों से आपरेशन द्वारा स्वस्थ्य बेटी का जन्म सम्भव हो पाया। वहीं बेटी के जन्म से खुश राणा दम्पति डा. संजीव कटारा के इस प्रयासों की भूरी भूरि प्रशंशा कर रहे है।
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