(देवेंन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- कहते विपदा अकेले नहीं आती ऐसी ही कुछ परिस्थियों का सामना कर रहा है अमसारी के प्रेम लाल का परिवार। एक ओर अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति व बीमारी का बोझ तो दूसरी ओर प्राकृतिक आपदा की मार, स्थिति यह है कि पूरा परिवार अपनी मवैशियो के साथ एक कमरे में रहने को मजबूर है।
बीते रोज जनपद में हुई अतिबृष्टि मानो प्रेम लाल के परिवार के लिये एक साथ कई मुसीबत लेकर आई हो। वार्ड न.(1) निवासी प्रेम लाल का मकान मलबे की चपेट मे आ गया । मकान व गौशाला के पीछे हुये भूस्खलन से प्रेम लाल की गौशाला व मकान एक ओर झुक गया मकान खतरे की जद में है। गौशाला में बधीं मवैशियों को समय रहते निकाल लिया गया। लेकिन अब प्रेम लाल व उसकी पत्नी के सामने अपने रहने व मवैशियों को रखने का संकट पैदा हो गया। घर के पास ही एक कमरे मैं मवैशी व प्रेम लाल का परिवार रहने को मजबूर है। प्रेम लाल की पत्नी जयमाला का कहना है कि एक ओर उनका परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा उस पर प्रेम लाल बीमार रहता जैसे तैसे दूध वेचकर वह अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थी अचानक प्रकृति की इस मार ने उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ खडा कर दिया, उन्हे समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। सभी लोग मवैशियों के साथ एक कमरे में रहने को मजबूर है।
सामाजिक कार्यकर्ता अशौक चौधरी व उक्रांद जिलाध्यक्ष बुद्धिबल्लभ मंमगांई , जितार सिंह जगवाण आदि का कहना है कि अमसारी का सम्पूर्ण झेत्र में जगह जगह दरारें पडी है, लोग असुरक्षित है स्थानीय लोगों को शंखा है कि नरकोटा से सुमेरपुर रेलवे सुंरग निर्माण से यह स्थिति पैदा हुई है। उन्होने शासन प्रशासन से उत्पन्न स्थिति से लोगों को निजात दिलाने की मांग की है।
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