Saturday, February 1, 2025
HomeStatesDelhiकेन्द्रीय बजट : मिडिल क्लास को किया खुश, 12.75 लाख तक की...

केन्द्रीय बजट : मिडिल क्लास को किया खुश, 12.75 लाख तक की सैलरी वालों को नहीं देना होगा इनकम टैक्स*

वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1लाख रुपये किया गया : सीतारमण

नई दिल्ली/देहरादून, संसद भवन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि बजट 2025-26 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दी गई है। निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि संसद में अपने बजट 2025 भाषण के दौरान वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस हेतु किराये की वार्षिक सीमा बढ़ाकर 6 लाख कर दी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “मैं टीडीएस कटौती की दरों और सीमा को कम करके स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव करती हूं। इसके अलावा, बेहतर स्पष्टता और एकरूपता के लिए कर कटौती की सीमा राशि बढ़ाई जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर कर कटौती की सीमा को मौजूदा 50,000 रुपये से दोगुना करके 1,00,000 रुपये किया जा रहा है।”
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि किराये पर टीडीएस की वार्षिक सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वृद्धि से टीडीएस के अधीन लेन-देन की संख्या कम हो जाएगी, जिससे छोटे करदाताओं को कम भुगतान प्राप्त करने में लाभ होगा। उन्होंने कहा, “इससे टीडीएस के दायरे में आने वाले लेन-देन की संख्या कम हो जाएगी, जिससे छोटे करदाताओं को लाभ होगा, जो छोटी राशि का भुगतान करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “आरबीआई की उदारीकृत विप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत विप्रेषण पर स्रोत पर कर (टीसीएस) एकत्र करने की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। मैं शिक्षा के उद्देश्य से विप्रेषण पर टीसीएस हटाने का भी प्रस्ताव करती हूं, जहां ऐसा विप्रेषण किसी निर्दिष्ट वित्तीय संस्थान से लिए गए ऋण से होता है। माल की बिक्री से संबंधित किसी भी लेनदेन पर टीडीएस और टीसीएस दोनों लागू किए जा रहे हैं। ऐसी अनुपालन कठिनाइयों को रोकने के लिए, मैं टीसीएस को छोड़ने का प्रस्ताव करती हूं। मैं यह भी प्रस्ताव करती हूं कि उच्च टीडीएस कटौती के प्रावधान अब केवल गैर-पैन मामलों में लागू होंगे। जुलाई 2024 में, विवरण दाखिल करने की नियत तिथि तक टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मैं टीसीएस प्रावधानों में भी यही छूट देने का प्रस्ताव करती हूं।
वित्त मंत्री ने बजट में मिडिल क्लास को राहत देते हुए न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स माफ किया। 18 लाख आय वालों को 70,000 और 12 लाख आय वालों को 80,000 रुपये की टैक्स छूट मिलेगी।

*मिडिल क्लास को किया खुश, 12.75 लाख तक की सैलरी वालों को नहीं देना होगा इनकम टैक्स*

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। न्यू टैक्स रिजीम के तहत अभी तक सात लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वालो को इनकम टैक्स से राहत थी, अब इसके तहत 12 लाख रुपये तक की आय वाले को कोई टैक्स नहीं देना होगा। सैलरीड क्लास व्यक्ति को इसके ऊपर 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी फायदा मिलेगा और इस तरह 12.75 लाख रुपये तक कमाने वाले वेतनभोगी को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि सालभर में इससे अधिक कमाई करने वाले टैक्स के दायरे में आएंगे।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा कि इससे 18 लाख रुपये वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को 70,000 रुपये की टैक्स छूट और 12 लाख रुपये वार्षिक आय वाले इनकम टैक्स दाताओं को 80,000 रुपये की छूट का लाभ मिलेगा। ये प्रस्ताव वित्त वर्ष 2025-26 यानी असेसमेंट ईयर 2026-27 के लिए हैं। निर्मला सीतारमण ने शनिवार को किसी भी आकलन वर्ष के लिए अपडेटे आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाने की भी घोषणा की। आईटीआर दाखिल करने की समयसीमा को मौजूदा दो साल से बढ़ाकर चार साल करने का प्रस्ताव वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में रखा गया है। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से हुई इनकम पर टैक्स कटौती की सीमा दोगुनी करके एक लाख रुपये करने की घोषणा भी बजट में की गई।
नए टैक्स स्लैब और नई दरें :
बजट में सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब और इनकम टैक्स दरों में बदलाव का प्रस्ताव रखा।सीतारमण ने कहा कि नए स्लैब के तहतचार लाख रुपये तक की आय पर जीरो टैक्स, चार लाख एक रुपये से आठ लाख रुपये तक पर 5%, आठ लाख एक रुपये से 12 लाख रुपये तक 10%, 12 लाख एक रुपये से 16 लाख रुपये की आय पर 15%, 16 लाख एक रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20% , 20 लाख एक रुपये से 24 लाख रुपये तक 25% और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% इनकम टैक्स लगेगा।

*पुराना स्लैब पुरानी दरें नए स्लैब नई दरें :*

3,00000तक कोई टैक्स नहीं
300001 से 7 लाख रुपये तक 5% 400001 से 8 लाख रुपये तक 5%
700001 से 10 लाख रुपये तक 10% 800001 से 12 लाख रुपये तक 10%
1000001 से 12 लाख रुपये तक 15% 1200001 से 16 लाख रुपये तक 15%
1200001 से 15 लाख रुपये तक 20% 1600001 से 20 लाख रुपये तक 20%
1500001 रुपये से अधि 30% 2000001 से 24 लाख रुपये तक 25%, 24 लाख रुपये से अधिक 30%

*किसको होगा कितना फायदा :*

निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने समय-समय पर टैक्सपेयर्स के बोझ को कम किया है। 2014 के ठीक बाद जीरो टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया, जिसे 2019 में बढ़ाकर 5 लाख रुपये और 2023 में 7 लाख रुपये कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि न्यू टैक्स रिजीम में अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना होगा। हालांकि, कैपिटल गेन्स आदि में यह व्यवस्था नहीं लागू होगी। इनकम टैक्स स्लैब और रेट में बदलाव से किसको कितान फायदा होगा, इसे नीचे दिए पॉइंट्स से समझ सकते हैं, वहीं12 लाख की आय वाले टैक्सपेयर्स को टैक्स में 80,000 का लाभ मिलेगा क्योंकि उनकी देनदारी शून्य हो जाएगी।
16 लाख तक की आय वाले टैक्सपेयर्स को 50,000 रुपये का लाभ मिलेगा।
जबकि 18 लाख की आय वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये का लाभ मिलेगा।
20 लाख रुपये की आय वाले को 90,000 रुपये का लाभ मिलेगा।
25 लाख रुपये की आय वाले टैक्सपेयर्स को 1,10,000 रुपये का लाभ मिलेगा।
50 लाख रुपये की आय वाले टैक्सपेयर्स को भी 1,10,000 रुपये का लाभ मिलेगा।

*सीनियर सिटीजन्स को टीडीएस पर छूट :*

आम बजट 2025-26 में इनकम के सोर्स पर टैक्स की कटौती (टीडीएस) की दरों में कटौती के लिए न्यूनतम आय की सीमा को बढ़ाया है। सीनियर नागरिकों को ब्याज से मिलने वाले आय पर टीडीएस कटौती की सीमा 50 हजार रुपये वार्षिक से बढ़ाकर एक लाख रुपये वार्षिक की गयी। किराये से होने वाली आय पर टीडीएस के लिए आय की न्यूनतम सीमा 2.40 लाख से बढ़ाकर छह लाख रुपये वार्षिक की है। विदेश में पैसा भेजने की रिजर्व बैंक की उदार योजना (एलआरएस) के तहत टीसीएस छह लाख रुपये की जगह 10 लाख रुपये के ऊपर की रकम पर लागू होगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments