देहरादून, ‘कल के लिए जल उत्सव यात्रा’ का लाखामंडल से शुभारंभ हो गया, जल उत्सव यात्रा को बोखनाग देव समिति के अध्यक्ष जयेंद्र सिंह रावत ने हरी झंडी दिखा कर ढोल नगाड़ों की थाप के साथ रवाना किया। यात्रा के संयोजक द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि लाखामंडल वीरो की और संघर्ष की भूमि रही है। इससे पूर्व भी वर्ष 2004 में हमने लाखामंडल से लंबगाव तक पद यात्रा की थी। वर्तमान में जिस तरह से दिन प्रतिदिन मानव और वन्य जीवों के बीच जल को लेकर संघर्ष देखने को मिल रहा है उसके पीछे जंगलों में घटता पानी भी एक कारण है। श्री सेमवाल ने कहा कि जंगलों एवं गांव के आस पास के प्राकृतिक जल स्रोत सूख रहे है उनको पुनर्जीवित करना आज बड़ी चुनौती है। ‘कल के लिए जल उत्सव यात्रा’ लगातार पूरे एक साल जून 2024 तक उत्तराखण्ड़ से हिमाचल तक चलेगी।
जल के बिना जीवन की कल्पना अधूरी :
आज पूरी दुनिया में व्यापक जल संकट है। नदियों और प्राकृतिक जल स्रोत का पानी घट रहा है। बड़े शहरों में तो दिन प्रति दिन पानी की समस्या बढ़ती जा रही है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है, आदिकाल से जल मानवीय जीवन का आधार रहा है | वहीं जंगलों में पानी और भोजन की कमी के कारण आए दिन मानव और वन्य जीवों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है। इस धरती पर पानी का स्रोत सिर्फ आसमान से टपकने वाली वर्षा की बूंदे ही है। वर्षा जल एक अनमोल प्राकृतिक उपहार है जो प्रतिवर्ष पूरी दुनिया को बिना किसी भेद भाव के मिलता आया है। पानी के समुचित प्रबंधन के आभाव में वर्षा का जल व्यर्थ में बह जाता है। जिसका संरक्षण किया जाना आवश्यक है |
जल संरक्षण को जनांदोलन बनाने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी का यह विगत दस वर्षों से निरंतर जारी है। जल की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए संस्थान के द्वारा *कल के लिए जल अभियान* शुरू किया गया, जो एक सफल माडल के रूप में सामने आया है, इस अभियान में लोगों को उनके जन्मदिन, जीवन के विशेष दिन को यादगार बनाने एवं परिजनों की याद में पानी के कच्चे जल कुंड, तालाब बनवाए जाते है। अभियान के तहत अभी तक जनपद उत्तरकाशी, टिहरी एवं देहरादून में 4 हजार जल कुंड, तालाब श्रमदान करके बने है। इस वर्ष जनपद उत्तरकाशी में जिला प्रशासन के साथ मिल कर ‘जल उत्सव’ कार्यक्रम शुरू किया गया। इस माडल को जन जन तक लेे जाने व जल संरक्षण के कार्य से अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करने के लिए द्वारिका प्रसाद सेमवाल के नेतृत्व में ‘कल के लिए जल उत्सव यात्रा शुरू’ हुई ।
लाखामंडल से शुरू हुई यह ‘जल यात्रा’ जौनसर, गढ़वाल, कुमाऊँ व मैदानी क्षेत्रों के साथ हिमाचल में 5 चरणों में पूरी होगी। उत्तराखण्ड एवं हिमाचल के 20 जनपदों की यात्रा तय कर यात्रा का समापन जून 2024 को देहरादून में होगा। यात्रा पूरे वर्ष भर जारी रहेगी हर क्षेत्र में सामाजिक कार्यकर्ता जुड़ते जाएंगे। इस यात्रा के दौरान 5 लाख जल नायक तैयार किए जाएंगे। यात्रा में रेणुका समिति के संदीप उनियाल, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लाक मिशन प्रबंधक रवीन्द्र नौटियाल, अनमोल बिष्ट, बूराश परियोजना के प्रकाश राज, ग्राम पंचायत प्रधान मंजियाली प्रकाश रावत शामिल रहे | यात्रा देर सायं जनपद उत्तरकाशी के मंजीयाली गांव पहुंची जहां पर ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ यात्रा का स्वागत किया, यात्रा मांजियाली गांव में ही रात्री विश्राम करेगी।
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