रुड़की ( कुलभूषण शर्मा ) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (आईआईटी रूड़की) में आज दूसरे अखिल भारतीय शिक्षा समागम से पूर्व राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता को आईआईटी रूड़की के निदेशक श्री केके पंत, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर के निदेशक श्री ललित कुमार अवस्थी और उत्तराखंड कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्रीय निदेशक श्री रवि चिलुकोटी ने संबोधित किया।
प्रेस वार्ता के दौरान श्री पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत विकसित पाठ्यक्रम छात्रों को अत्यधिक लचीले ढांचे में बहु-विषयक और समग्र शिक्षा के अवसर प्रदान करता है जैसा कि परिकल्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि जहां संस्थान अपने छात्रों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में अनिवार्य पाठ्यक्रम प्रदान कर रहा है, वहीं यह छात्रों को ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली’ पर पाठ्यक्रम भी पढ़ा रहा है और ‘सामुदायिक आउटरीच’ पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को समाज से जोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नए पाठ्यक्रम में, सभी कार्यक्रमों में छात्र भौतिकी, गणित और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के अलावा सॉफ्ट स्किल्स, टिंकरिंग और मेंटरिंग, डेटा साइंस, भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस), पर्यावरण विज्ञान और स्थिरता (ईएसएससी), सामुदायिक आउटरीच (कोर) पर पाठ्यक्रम का अध्ययन करेंगे। संस्थान छात्रों को उद्योग के सहयोग से व्यावसायिक कौशल विकसित करने में भी सक्षम बनाता है जैसा कि एनईपी 2020 में जोर दिया गया है।
आईआईटी रूड़की के निदेशक श्री पंथ ने बताया कि संस्थान एनईपी 2020 के कार्यान्वयन की तीसरी वर्षगांठ के साथ-साथ अपने वार्षिक उपाधि प्रदान कार्यक्रम का जश्न मनाने के लिए खुद को तैयार कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि वह एनईपी 2020 को अपनाने के परिणाम को लेकर बहुत आशावादी हैं। कुलशासक शैक्षणिक मामले, प्रोफेसर अपूर्व कुमार शर्मा ने इस दौरान घोषणा की कि स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले स्नातक छात्रों की संख्या 1,076 है, जबकि 686 छात्र अपनी मास्टर उपाधि प्राप्त करेंगे, और 154 छात्रों को पीएचडी उपाधि प्रदान की जाएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उत्तराखंड में कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्रीय निदेशक, श्री रवि चिलुकोटी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) कार्यान्वयन के साथ कौशल विकास पहल को एकीकृत करने पर मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने आज के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में छात्रों को रोजगार के लिए आवश्यक व्यावहारिक कौशल से लैस करने के महत्व पर जोर दिया। श्री चिलुकोटी ने कौशल विकास कार्यक्रमों एवं आईआईटी रूड़की व एनआईटी उत्तराखंड जैसे शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य सिद्धान्तिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुप्रयोग के बीच अंतर को पाटना है।
एनआईटी उत्तराखंड के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने इस बात पर मूल्यवान दृष्टिकोण जोड़ा कि एनईपी ने एनआईटी उत्तराखंड में शैक्षणिक परिदृश्य और नीतियों को कैसे प्रभावित किया है। उन्होंने बहु-विषयक दृष्टिकोण को अपनाने और छात्रों के बीच नवाचार और अनुसंधान की संस्कृति को बढ़ावा देने में संस्थान की पहल पर चर्चा की। प्रो.अवस्थी ने एनईपी के मूल सिद्धांतों के अनुरूप समावेशन और सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा, उद्योग और सरकार सहित विभिन्न क्षेत्रों से हाथ मिलाने और संसाधनों को एकत्रित करने के महत्व पर जोर दिया। मजबूत सहयोग को बढ़ावा देकर, वे सामूहिक रूप से एक समावेशी और जीवंत शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र बना सकते हैं जो छात्रों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करता है और उन्हें 21वीं सदी के वैश्विक परिदृश्य में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और मूल्यों से लैस करता है।
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