ऋषिकेश। ऋषिकेश में रेलवे स्टेशनों के निरीक्षण को पहुंचे उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक को यहां विगत माह रेलवे की लापरवाही से जान गंवाने वाले युवक की मौत के मामले में नागरिकों के गुस्से का सामना करना पड़ा। नागरिकों व जन प्रतिनिधियों ने महाप्रबंधक का घेराव कर उनका काफिला रोक दिया। रेलवे पुलिस ने बड़ी मुश्किल से प्रदर्शनकारियों को हटाकर काफिला आगे बढ़ाया।
बीती 25 अक्टूबर को पुराना रेलवे स्टेशन के समीप रेलवे द्वारा स्विफ्ट की गई नई सड़क के बीचों-बीच स्थित ट्रांसफार्मर के पोल से टकराकर प्रदीप पुत्र चंद्रभान निवासी बनखंडी की मौत हो गई थी। शनिवार को यहां पहुंचे महाप्रबंधक उत्तर रेलवे व मुरादाबाद मंडल के अधिकारियों से मिलने मृतक के स्वजन व स्थानीय जनप्रतिनिधि योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन पहुंचे। उन्होंने महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंप मृतक के स्वजनों को उचित मुआवजा तथा आश्रितों को रेलवे में नौकरी दिए जाने की मांग की। महाप्रबंधक ने ज्ञापन लेकर डीआरएम को सौंप दिया। मगर, इस मामले में कोई आश्वासन नहीं दिया। इस दौरान डीआरएम की किसी बात से लोग नाराज भी हो गए।
पूरी बात सुने बिना ही महाप्रबंधक का काफिला योग नगरी ऋषिकेश से पुराना ऋषिकेश स्टेशन पहुंच गया। जहां नाराज जनप्रतिनिधि व स्वजन भी आ पहुंचे। जब महाप्रबंधक उत्तर रेलवे का काफिला वापस लौट रहा था, तभी भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष ज्योति सजवाण, पार्षद राजेश दिवाकर, पूर्व पार्षद हरीश तिवारी व मृतक की मां व अन्य लोगों ने महाप्रबंधक के वाहन के आगे खड़े होकर काफिले को रोक दिया। आरपीएफ ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की मगर, वह नहीं माने। रेलवे पुलिस में जबरन प्रदर्शनकारियों को काफिले के आगे से हटाया। जिसके बाद महाप्रबंधक का काफिला योग नगरी ऋषिकेश के लिए रवाना हो पाया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। उनका कहना था कि यदि उनकी मांग पर कार्रवाई नहीं की गयी तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
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