समाज इन स्थलों की जिम्मेदारी ले रहा है तो यह शुभ संकेत : जिप सदस्य मर्तोलिया
मुनस्यारी, । शहीद स्थल को सजाने व संवारने के लिए जैसे ही महिलाएं कुदाल लेकर घर से बाहर निकल कर शहीद स्थल पर आई तो दानवीर भी आगे आ गए. आज महिलाओं ने फुलवारी की गुड़ाई व निराई की.शहीद स्थल को सजाने के लिए समाज से की गई अपील का पहले दिन ही व्यापक असर देखा गया.
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा
पद्मश्री हुक्म सिंह पांगती की स्मृति में बने शहीद स्थल से समाज का जुड़ाव पैदा करने की पहल उच्छैती की पूर्व ग्राम प्रधान बंसती जोशी ने शुरु की थी. जिपं सदस्य जगत मर्तोलिया ने इस परमपंरा को आगे बढ़ाने के लिए समाज से स्थल को सजाने व संवारने की अपील की थी.
इस क्रम में थाना बैण्ड के आस पास की दस महिलाओं ने हाथ में कुदाल लेकर आकर फुलवारी को नया जीवन दे दिया. महिलाओं की टोली में मथुरा मर्तोलिया, हेमा पांगती, नीमा, पूजा, रुकमणी रिलकोटियां,कमला रावत, भावना धप्वाल, मंजू मर्तोलिया,पार्वती रावत, बिमला द्धिवेदी शामिल है.
स्थल को सजाने व संवारने की अपील का समाज में असर दिखा. दरकोट निवासी लक्ष्मण सिंह पांगती के द्धारा की गयी बातचीत के बाद पद्मश्री हुक्म सिंह पांगती के पुत्र राजेश पांगती ने 5100 रुपये, दिगडी ग्रूप ने 2500 रुपये दिए. मुनस्यारी विभूति संस्था के अध्यक्ष बलवंत सिंह पांगती ने भी एक हजार रुपये देने की घोषणा की.
जलथ निवासी प्रयाग सिंह रावत ने जोहारी फ़सक टीम की ओर से 200 रुपये दिए. डांडाधार मार्ग में हाडवेयर की दुकान चला रहे गुड्डू पांगती ने फुलवारी के मेड में लगाने के लिए 100 ईट देने का वचन दिया. तल्ला घोरपट्टा निवासी होटल बाला पैराडाइज के मालिक राजेन्द्र सिंह गनघरियां ने दोनों शहीद स्मारको के ऊपर टिन की छत अपने संसाधनो से बनाने की घोषणा की.
स्थानीय व्यापारी मुन्ना सिंह सयाना ने इस स्थल पर बने यात्री विश्रामालय में कलर लगाने की जिम्मेदारी ले ली है. मुनस्यारी ब्वाइज की टीम हिमांशु धर्मसत्तू की अगुवाई में स्मारक व रैलिंग को कलर लगाकर सजायेगी.
मल्ला जोहार विकास समिति के अध्यक्ष श्रीराम सिंह धर्मसत्तू ने शहीद स्थल पर एक ऊंचा तिरंगा झंडा फहराने के लिए पहल करने की बात कही.
जिपं सदस्य मर्तोलिया ने कहा कि समाज इन स्थलों की जिम्मेदारी ले रहा है तो यह शुभ संकेत है. सरकार से अच्छी देखभाल समाज के माध्यम से की जा सकती है. हम केवल समाज के भीतर जुड़ाव पैदा कर रहे है.बस समाज अपना काम कर रहा है. समाज का आगे आना सीमांत में नया इतिहास का आगाज के रूप में देखा जा रहा है.
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