नई दिल्ली, कोविड-19 वैक्सीन की डील करने के लिए भारत सरकार ऐक्टिव हो गई है। देश में तीन वैक्सीन का ट्रायल तो चल ही रहा है। उनके अलावा दो और कपंनियों, यानी कुल पांच फार्मा कंपनियों से बात हुई है। उनसे कहा गया है कि तीन दिन के भीतर इसका रोडमैप दें अगर उनकी वैक्सीन को मंजूरी मिलती है तो कितनी जल्दी और किस कीमत पर वैक्सीन तैयार करके दे सकती हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन की तरह भारत ने अभी तक किसी कंपनी से डील नहीं की है मगर टीका हासिल करने की कोशिश में जुट गया है। कोरोना टीके को लेकर बने एक्सपर्ट ग्रुप ने सोमवार को देश की दिग्गज फार्मा कंपनियों के प्रमुखों से मुलाकात की थी। इसी मीटिंग में 5 कंपनियों से आगे का रोडमैप तैयार करके देने को कहा गया है।
WHO की दो-टूक, वैक्सीन का इंतजार न करें, अपने इंतजाम देखे
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि देशों को कोरोना वायरस वैक्सीन का इंतजार नहीं करना चाहिए। WHO के वेस्टर्न पैसिफिक रीजनल डायरेक्टर ताकेशी कसई के अनुसार, देशों को कोविड-19 के प्रति अपने रेस्पांस को बेहतर करने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर ज्यादा निर्भर न रहें क्योंकि शुरुआत में ज्यादा डिमांड के चलते उसकी पर्याप्त सप्लाई नहीं हो पाएगी। सीएनएन के अनुसार, मीडिया ब्रीफिंग में ताकेशी ने कहा, “जब तक सारे देश प्रोटेक्ट नहीं होते, कोई देश सेफ नहीं है। हमें अपने रेस्पांस को बेहतर करने पर ध्यान देना चाहिए, सिर्फ वैक्सीन से उम्मीद मत लगाइए।”
‘प्रॉडक्शन, प्राइसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पर हो रही बात’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने मीटिंग के बाद कहा है कि एक्सपर्ट ग्रुप लगातार इस बारे में चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा, “एक तरफ वैज्ञानिक कोविड-19 वैक्सीन तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं तो हम भी फाइनल प्रॉडक्ट हासिल करने में लगे हैं। ताकि हमारे लोगों के लिए टीके की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। एक्सपर्ट ग्रुप लगातार वैक्सीन निर्माताओं के साथ मिलकर प्रॉडक्शन, प्राइसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पर चर्चा कर रहा है।”
रूसी वैक्सीन हासिल करने की कोशिश में भारत
मॉस्को में भारतीय दूतावास लगातार रूसी स्वास्थ्य अधिकारियों के संपर्क में है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिस गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट, जिसने Sputnik V वैक्सीन बनाई है, उससे दूतावास के अधिकारी बात कर रहे हैं। पिछले हफ्ते ही इस वैक्सीन के इस्तेमाल को हरी झंडी दी गई है। भारतीय दूतावास इस वैक्सीन की सेफ्टी और प्रभाव के डेटा का इंतजार कर रहा है। वेस्टर्न कंट्रीज इस वैक्सीन पर शक जाहिर कर चुके हैं वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैक्सीन के पूरी तरह सेफ होने का दावा किया है।
SII में इस हफ्ते से वैक्सीन का फेज 2 ट्रायल
सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया इसी हफ्ते से यूनविर्सिटी ऑफ ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका की बनाई वैक्सीन का ट्रायल शुरू करेगा। ‘कोविशील्ड’ नाम की इस वैक्सीन के लिए SII और अस्त्राजेनेका के बीच डील हुई है। देशभर के 10 सेंटर्स पर वैक्सीन का फेज 2 और 3 ट्रायल होगा। SII इस वैक्सीन की एक बिलियन डोज तैयार करने की सहमति भी दे चुका है।
Covaxin फेज 1 ट्रायल में ‘सेफ’
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भारत बायोटेक और ICMR ने मिलकर जो वैक्सीन तैयार की है, उसके फेज 1 ट्रायल के नतीजे आ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैक्सीन सेफ पाई गई है। किसी भी वॉलंटियर में वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स नहीं देखे गए। अगले स्टेप में वैक्सीन के प्रभाव को आंका जाएगा। पहले फेज में 12 जगहों पर 375 वॉलंटियर्स पर ट्रायल हुआ था।
चीन और रूस मिलकर करेंगे ट्रायल?
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, चीन ने रूसी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन्स के ट्रायल का न्योता दिया है। यह आइडिया चीन के टॉप एक्सपर्ट झोंग नानशन ने सामने रखा है। उन्होंने यह साफ नहीं किया कि वे किसी वैक्सीन की जॉइंट टेस्टिंग की बात कर रहे हैं। रूस ने पिछले हफ्ते ही वैक्सीन को मंजूरी दी है जबकि चीन भी CanSino की वैक्सीन को पेटेंट दे चुका है। चीन अभी 6 और वैक्सीन डेवलप कर रहा है जो ह्यूमन ट्रायल्स से गुजर रही हैं। दोनों देशों की रफ्तार पर बाकी देशों के एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए हैं कि इनमें तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है।
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