टिहरी/देहरादून, गढ़वाली गीत ”बोल बामणी” ने पहाड़ी दिलों में धूम मचा चुके मोहन बिष्ट किसी परिचय के मौहताज नहीं है, सन् 1990 में जन्में मोहन बिष्ट ने अपनी पढ़ाई राजकीय इंटर कालेज नकोट से की, बचपन से संगीत के प्रति रूझान ने आज एक मुकाम कायम किया और मोहन को एक के बाद एक गढ़वाली गीत गाने की सार्थक शक्ति मिली , मोहन का यह जनून रामलीला से शुरू होकर आज भी गीतों के साथ निरन्तर जारी है, जनपद टिहरी के नौजवान गायक ने “सुन संजूला, मेरी मांजी,बडकौट्या समधनी, बिलौरा, बौल बामणी, रैबार और जौगणी आदि गीतों के माध्यम सशक्त पहचान पायी | कई मंचों पर भी मोहन अपनी प्रस्ततियां दे चुके हैं,गायन को अपनी आजीविका बनाने वाले मोहन बिष्ट ने लगभग 10 से ज्यादा गीत गा कर अपनी यात्रा आज भी निरन्तर जारी रखी है |
इसी कड़ी में मोहन बिष्ट और अनिशा रांगड़ की जोडी लेकर फिर एख हिट पहाड़ी गंत लेकर आई है | इन दोनों जोड़ी पहले भी दर्शकों को कई हिट डीजे गीत दे चुके हैं। अनिशा रांगड़ व मोहन बिष्ट का अभी – अभी एक डीजे गीत लॉन्च हुआ है। यह गीत बीके संगीत यूट्यूब के माध्यम से लॉन्च किया गया है। इस गीत का टाइटल है “मेरी ठकरवाणी”
गीत आधारित ( based )
इस गीत में एक पति और पत्नी की नोक झोंक की कहानी बताई गई है पति बोलता है कि मैं जन्मजात भुक्तभोगी हूँ इसका मतलब की उसने जिंदगी भर दुःख झेला है। फिर लड़की यानी कि अनिशा रांगड़ बोलती हैं कि मुझे तुम्हारी बातों को सुनके चनमणि लगती हैं यानी कि बोरियत आती है। और पूरी ज़िन्दगी रो – रो के कटी है । लेकिन तुम्हरा सुख कभी नहीं देखा |
प्रतिक्रिया ( Reaction )
पहाड़ी संगीत प्रेमी अनिशा रांगड़ और मोहन बिष्ट के गीतों को बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। जैसे “बोल बामणी” गीत, इस गीत के व्यूज 2.5 मिलियन है। “मेरी जोगणी” जो सिर्फ 5 महीने में 2.2 मिलियन व्यूज प्राप्त कर चुका है। और ही कई गीत है जिन्हे अच्छे व्यूज मिले हैं।
Recent Comments