देहरादून, ईकोग्रुप सोसाइटी द्वारा ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में 22 फरवरी को उत्तराखंड में निरंतर बढ़ते ई-वेस्ट के खतरों और समाधान पर एक जागरूकता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन को उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र की निदेशक डॉ. अनीता रावत ने संबोधित करते हुए कहा कि ई- वेस्ट की समस्या से निपटने के लिए विभिन्न क्षेत्रों का मिलकर कार्य करना आवश्यक है। पारंपरिक, नई शिक्षा व विकास के बीच का तालमेल ऐसी तकनीकें बनाने में मददगार साबित होगा जो न केवल ई- वेस्ट पर काम करेंगी बल्कि सस्टेनेबल भी होगी। इसमें अनुसंधान, शिक्षा व नवाचार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। डॉ. अनीता रावत ने छात्र-छात्राओं को लोगों को ई- वेस्ट प्रति जागरूक करने का आह्वान किया।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण विभाग के पर्यावरण इंजीनियर डॉ. अंकुर कंसल ने उत्तराखंड में ई वेस्ट को समस्या को हल करने के लिए जारी की गई नीतियों, प्रयासों और आगे लिए जाने वाले समाधानों के बारे में विस्तार से बताया।
सम्मेलन में अन्य वक्ताओं में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो- वाइस चांसलर डॉ. संतोष एस. सर्राफ , अटैरो रीसाइकलिंग के वाइस प्रेसिडेंट- सोर्सिंग पवनदीप सिंह बावा, ओएनजीसी के चीफ इंजीनियर भारतेंदु विमल व ईको ग्रुप सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष आशीष गर्ग ने ई-वेस्ट समस्या से जुड़ी चुनौतियों व समाधानों पर विचार साझा किए।
विशेषज्ञों के पैनल विचार विमर्श में ई- वेस्ट की समस्या से निपटने के लिए गैजेट्स की अर्बन माइनिंग, रीसाइकलिंग, केवल आवश्यक उपकरण खरीदने, उनका रखरखाव व पुराने उपकरण रीसाइकलिंग सेंटर को बेचने जैसे सुझाव दिए। श्री पवनदीप ने सेल्समार्ट ऐप द्वारा ईवेस्ट के निस्तारण कर उसका उपभोक्ता द्वारा जायज मूल्य प्राप्त करने के बारे में जानकारी दी।
उत्तराखंड में अटैरो रीसाइकलिंग के वाइस प्रेसिडेंट (सोर्सिंग) श्री पवनदीप सिंह बावा ने सेल्समार्ट ऐप के माध्यम से ई-वेस्ट के प्रभावी निस्तारण की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि सेल्समार्ट उपभोक्ताओं से सीधे ई-वेस्ट एकत्रित कर यह सुनिश्चित करता है कि समाप्त हो चुके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को उचित रूप से रीसायकल किया जाए और उनके भीतर मौजूद कीमती संसाधनों को पुनः प्राप्त किया जाए। यह प्रक्रिया अपशिष्ट को टिकाऊ संसाधनों में बदलने और कच्चे संसाधनों (वर्जिन मटेरियल) पर निर्भरता कम करने के व्यापक मिशन के अनुरूप है।
वेस्ट की ज्वलंत समस्या पर एक विशेषज्ञ सम्मेलन में ओएनजीसी अकादमी के चीफ इंजीनियर श्री भारतेंदु विमल, अटैरो रीसाइक्लिंग से श्री पवनदीप, परम पर्यावरण संस्था से श्री विनय कुमार सिंह , ईकोग्रुप सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष श्री आशीष गर्ग ने ई-वेस्ट प्रबंधन की चुनौतियों और उनके समाधान पर अपने विचार साझा किए।
सम्मेलन के आयोजन में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट आफ मैनेजमेंट स्टडीज व ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी भी शामिल रहे ।
इस आयोजन को निम्नलिखित सहयोगी संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ:
* उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (USERC)
* उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB)
* राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP)
* अटैरो रीसाइकलिंग प्राइवेट लिमिटेड
* रिलायंस डिजिटल स्टोर
* साइनोटेक टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस
* साइनेज
* लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट (LIFE)
* पर्यावरण सूचना, जागरूकता, क्षमता निर्माण और आजीविका कार्यक्रम (EIACP)म्मेलन में डॉ नवनीत रावत, डा नीरज शर्मा, श्री नगेंद्र शर्मा, ईकोग्रुप से श्री अनिल कुमार मेहता, श्री संजय भार्गव , श्री नवनीत गैरोला, डा आर डी अग्रवाल एवं उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से श्री पीके जोशी, निहारिका डिमरी, रचना नौटियाल , करीना मलिक, तरँगिनी रावत एवं शिक्षक शिक्षिकाएं व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
आगामी ई-वेस्ट इनोवेशन गतिविधियाँ:
इस सम्मेलन के साथ, Eco-Innovate 2025 के तहत ई-वेस्ट आइडियाथॉन और ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राइव जैसी महत्वपूर्ण पहलें भी निर्धारित की गई हैं:
* ई-वेस्ट आइडियाथॉन (28 फरवरी 2025) – छात्र नवाचारों के लिए एक मंच, जहां प्रतिभागी ई-वेस्ट प्रबंधन के लिए स्मार्ट समाधान प्रस्तुत करेंगे।
* ई-वेस्ट कलेक्शन ड्राइव – जहां सभी छात्र, संकाय सदस्य और कर्मचारी अपने पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित तरीके से निस्तारित कर सकते हैं।
यह सम्मेलन ई-वेस्ट जागरूकता और सस्टेनेबल वेस्ट मैनेजमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
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