(देवेन्द्र चमोली/अजय आनंद नेगी)
रुद्रप्रयाग/ऊखीमठ-पंचकेदारों में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट विधिविधान व पूजा अर्चना के बाद शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये है। पंचकेदारों में सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान तुंगनाथ के कपाट आज प्रातः 11.30 पर शीतकाल के लिये बंद कर दिये गये है।
इससे पूर्व सुबह से ही मंदिर परिसर में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई , तुंगनाथ की मूर्ति को गर्भ गृह से निकाल कर मंदिर परिसर में रखा गया हकहकूकधारी व पुजारियों द्वारा पूजा अर्चना कर तुंगनाथ के कपाट बंद किये गये। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली ने सैकड़ो भक्तों के जयकारे के बीच अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मरकटेश्वर मंदिर मक्कूमठ के लिये प्रस्थान किया।
आज तुंगनाथ की डोली चोपता में प्रवास करेगी जहाँ से प्रस्थान कर कल डोली भनकुडं में प्रवास करेगी व 6 नवम्बर को तुंगनाथ की डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के लिये प्रस्थान करेगी। जहाँ पूजा अर्चना के बाद तुंगनाथ भगवान शीतकाल के लिये विराजमान होंगे। इस अवसर पर राम प्रसाद मैठाणी, पुजारी अतुल मैठाणी, प्रकाश मैठाणी, धीर सिंह नेगी, राजेन्द्र भंडारी, मंदिर समिति के प्रबंधक प्रकाश पुरोहित , मकर सिंह, चन्द्र सिंह रावत सहित श्रद्धालु मौजूद थे।
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