लखनऊ/देहरादून: उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से राज्यसभा की 11 सीटों पर सभी उम्मीदवार सोमवार को निर्विरोध चुन लिए गए और इसमें से नौ सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, भाजपा द्वारा जीती गईं नौ सीटों में से आठ उत्तर प्रदेश और एक उत्तराखंड में है. इसके साथ ही संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की संख्या बढ़कर 92 हो गई, वहीं पहली बार मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस 40 से कम सीटों पर सिमट गई है.राज्यसभा के 11 सदस्यों में से 10 उत्तर प्रदेश और एक उत्तराखंड से 25 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. इसमें कांग्रेस सदस्य पीएम पूनिया और राज बब्बर शामिल हैं, इसके बाद से कांग्रेस के राज्यसभा में 40 से घटकर 38 सदस्य रह जाएंगे, उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की दस सीटों के लिए हुए द्विवार्षिक निर्वाचन में सोमवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत सभी 10 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए. सोमवार को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख थी.
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को आठ जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को एक-एक सीट पर जीत मिली है.निर्विरोध निर्वाचित घोषित हुए सदस्यों को सहायक निर्वाचन अधिकारी मोहम्मद मुशाहिद सईद ने उनके प्रमाण पत्र सौंपे.भाजपा से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा अरुण सिंह, नीरज शेखर, बृजलाल, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, सीमा द्विवेदी और बीएल वर्मा निर्वाचित हुए हैं.समाजवादी पार्टी से प्रोफेसर राम गोपाल और बहुजन समाज पार्टी से रामजी गौतम निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.निर्वाचित सदस्य बृजलाल ने बताया कि उन सभी का कार्यकाल 25 नवंबर 2020 से 24 नवंबर 2026 तक रहेगा राज्यसभा में उत्तर प्रदेश कोटे से 31 सीटें हैं. इनमें अब सर्वाधिक 22 सीटें भारतीय जनता पार्टी की हो जाएंगी,
जबकि समाजवादी पार्टी के पास पांच और बसपा के खाते में तीन सीटें रहेंगी. कांग्रेस के पास अब उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की सिर्फ एक सीट रह जाएगी. उत्तराखंड से राज्यसभा के लिए नरेश बंसल निर्विरोध निर्वाचितवरिष्ठ भाजपा नेता नरेश बंसल को सोमवार को उत्तराखंड की एकमात्र राज्यसभा सीट पर कोई और उम्मीदवार न होने के कारण निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया, उत्तराखंड की एकमात्र राज्यसभा सीट पर नौ नवंबर को मतदान होना था, लेकिन किसी और उम्मीदवार के पर्चा न भरने के कारण उसकी जरूरत ही नहीं रही.वैसे भी 70 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 57 होने के कारण बंसल का ऊपरी सदन के लिए चुना जाना तय था, बंसल राज्यसभा में कांग्रेस नेता राज बब्बर का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 25 नवंबर को समाप्त हो रहा है.राज्यसभा में भाजपा 92 पर पहुंची तो कांग्रेस 40 पर सिमटी सोमवार को राज्यसभा की 11 में से नौ सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद संसद के उच्च सदन में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की संख्या बढ़कर 92 हो गई, वहीं पहली बार मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस 40 से कम सीटों पर सिमट गई, फिलहाल भाजपा को अपने दम पर उच्च सदन में 123 (245 सीट वाली राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा लगभग आधा यानी 123 सीट है) के आंकड़े तक पहुंचने के लिए उसे 31 और सदस्य चाहिए.
हालांकि, सहयोगियों जदयू (पांच सदस्य) और आरपीआई के रामदास आठवले के साथ एनडीए की संख्या बढ़कर 98 हो जाती है. वहीं, नौ सदस्यों वाली एआईएडीएमके और पूर्वोत्तर की पार्टियों के कुछ सदस्यों के साथ यह संख्या 110 तक पहुंच जाती है.इस बीच, सोमवार को चुनाव आयोग ने कर्नाटक से राज्यसभा की एकमात्र सीट पर 1 दिसंबर को उपचुनाव की घोषणा कर दी. यह सीट भाजपा सांसद अशोक गस्ती के निधन से खाली हुई है.कर्नाटक में भाजपा के सत्ता में होने के कारण भाजपा यह सीट जीत जाएगी, जिसके साथ ही शीत सत्र से ठीक पहले उच्च सदन में उसकी संख्या बढ़कर 93 हो जाएगी. इसके साथ ही बिहार से भी दो राज्यसभा सीटें खाली हुई हैं,
जिसमें से एक सीट लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई है.महत्वपूर्ण विधेयकों को पास करवाने के लिए एनडीए नौ सदस्यों वाले बीजू जनता दल (बीजेडी) और छह सदस्यों वाले वाईएसआर कांग्रेस जैसे क्षेत्रीय दलों पर भी निर्भर रहती है.कुछ मौकों पर छोड़कर सात सदस्यों वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) भी मुश्किल हालात में एनडीए का साथ देती है. इन तीनों दलों के राज्यसभा में 22 सदस्य हैं | बता दें कि हाल में अकाली दल और शिवसेना के एनडीए से अलग होने के बाद भाजपा को झटका लगा था. उच्च सदन में दोनों ही दलों के तीन-तीन सदस्य हैं(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)|
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