मुनस्यारी,। आपदाग्रस्त धापा के 136 परिवारो ने अब पुर्नवास के लिए अपनी आवाज बुलंद करने का मन बना लिया है. आपदा पीडितो ने दस अगस्त को तहसील कार्यालय घेराव करने की चेतावनी दे दी है. कहा कि पटवारी ने क्षति का जो मुल्याकन किया है, उससे हम असंतुष्ट है. चार सूत्रीय मांगों को लेकर आर पार की लड़ाई लड़ने की घोषणा का पत्र आज एसडीएम बीएस फोनिया को सौप दिया है.
आपदाग्रस्त धापा में आज आपदा प्रभावितो की ग्राम प्रधान चन्द्रा देवी रिलकोटियां की अध्यक्षता में खुली बैठक हुई. जिप सदस्य जगत मर्तोलिया की उपस्थिति में हुई बैठक में प्रभावितो का गुस्सा सातवें आसमान पर था. प्रभावितो ने कहा कि पटवारी ने क्षति के मुल्याकंन में भेदभाव किया है, जो घर अब रहने लायक भी नहीं बचे है,उन्हे क्षति युक्त नहीं दिखाया गया है. तहसीलदार के नेतृत्व में कमेटी बनाकर आपदा से हुई क्षति का पुनः मुल्याकंन करने की मांग की.
बताया कि आपदा के 21 दिन के बाद भी बी.आर.ओ.ने धापा तक मोटर मार्ग वाहन के लिए नहीं खोला है.
प्रशासन ने कहा था कि धापा का भू- गर्भीय सर्वे किया जायेगा, अभी तक भू-गर्भवेत्ता के दर्शन तक नहीं हुए है.
धापा गांव के 136 परिवारो का रहना अब यहां मुश्किल हो गया है.
धापा गांव खिसक रहा है, जमीन में दरारे पड़ गई है. आवासीय भवन रहने लायक नहीं बचे है.
तहसील प्रशासन ने एक बार राशन किट दिया उसके बाद पूछा भी नहीं कि भूखे है कि नहीं. सरकारी भवनो के शरण में रहने वाले परिवारो का सुधलेवा कोई नहीं है.
जिप सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि प्रशासन को राहत देने में लापरवाही नहीं करना चाहिए. कहा कि सरकार को चाहिए कि वह तत्काल प्रभाव से आपदा प्रभावितो की समस्याओं के समाधान के लिए संवेदनशील रहकर कार्य करे. मर्तोलिया ने कहा कि जनता अभी परेशानी में है, इसलिए सरकार को जनता के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए.
इस अवसर पर केदार सिंह मर्तोलिया, प्रहलाद सिंह बरफाल, दिनेश धप्वाल, मदन जोशी , अंजलि, सुमन, रतन सिंह,कुशल राम आदि मौजूद थे.
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