पिछले साल की तुलना में इस साल कैश विड्रावल ज्यादा हुआ है। इस तरह जो करेंसी मार्केट में चल रही है, उसमें भी 21 प्रतिशत का इजाफा हो गया है। यह जानकारी आरबीआई के आंकड़ों से सामने आई है। ऐसा क्यों हुआ है इसके कई कारण हैं लेकिन मुख्य रूप से कोरोना संकट और लॉकडाउन को कहा जा सकता है। इस संकट के कारण ही लंबे समय तक लोगों ने पैसा खर्च नहीं किया लेकिन अनलॉक के बाद जब बाजार खुले तो लोगों ने जमकर पैसा खर्च करना शुरू कर दिया। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2019 में यूपीआई ट्रांजेक्शन में औसत टिकट साइज 1549 रुपये था, जो अगस्त 2020 में 1850 रुपये हो गया। एटीएम से निकासी की बात करें, यहां नवंबर, 2019 में औसत टिकट साइज 4507 था, जो अगस्त 2020 में 4959 रुपये हो गया।
इन वजहों से जानिये एटीएम से क्यों निकल रहे पैसे
1. कोरोना वायरस महामारी के प्रारंभ में और लॉकडाउन के समय भारतीयों ने एटीएम से काफी कम निकासी की। उन्होंने जरूरत की पूर्ति के लिए ही नकदी की निकासी की। मार्च के आखिर में व अप्रैल, मई में लेनदेन में कमी आई। जून के बाद इस स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हुआ। लॉकडाउन प्रतिबंधों के आसान होने और अर्थव्यवस्था के खुलने से लोग अपने आधाभूत खर्चों के अलावा अन्य खर्चों के लिए भी एटीएम से निकासी करने लगे।
2. लॉकडाउन के दौरान लोगों को त्योहार आदि पर जमकर जश्न मनाने का अवसर नहीं मिल सका था, इसलिए त्योहारी सीजन आने पर लोगों ने अपने लिए, अपने परिवार के लिए और अपने घर के लिए खरीदारी की और इसके चलते एटीएम से निकासी में वृद्धि हुई।
3. इस बीच लोगों ने एटीएम से 100 से 300 रुपये मूल्य की छोटी निकासी बहुत कम की। इसका एक मुख्य कारण यह भी रहा कि लोगों ने छोटे लेनदेन के लिए यूपीआई और डिजिटल पेमेंट्स का सहारा लिया।
4. महामारी के संक्रमण का खतरा अधिक रहने और लॉकडाउन के चलते लोग वर्क फ्रॉम होम ही कर रहे थे। इसके बाद जब कारोबारी गतिविधियां बढ़ीं और लोगों में कोरोना संक्रमण का ड़र कम हुआ, तो उन्होंने खर्च करना शुरू किया।
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