नैनीताल, उत्तराखंड़ सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने और उसके गौरवमय गाथा का सार्थक पक्षधर रहा है, इसी की सम सामयिक कड़ी में पर्यटक जनपद नैनीताल की जयन्ती मनाई गई | नैसर्गिक खूबसूरती की दृष्टि नैनीताल की रचना हुई है और सौन्दर्यपूर्ण से ओतप्रोत इस सरोवर नगरी को अंग्रेजी सरकार के खोजने के हिसाब से नैनीताल की इस माह 18 नवम्बर को 179 वी वर्षगांठ है। ऐतिहासिक रूप से प्राकृतिक सौंदर्य से लबालब नैनीताल हमेशा से ही पर्यटको की पहली पसंद रहा है। अंग्रेजी शासन में भी सरोवर नगरी उनके लिए पहली पसंद हुआ करती थी।आजादी के पूर्व आजादी का पश्चात सरोवर नगरी की दशा व दिशा में काफी बदलाव देखने को मिला।लेकिन आपने प्रकार्तिक सौंदर्य के चलते आज भी यह सरोवर नगरी के नाम से प्रसिद्द है। सबसे पहले पी बैरन द्वारा इस जगह कि खोज की गई थी जिसके बाद नैनीताल अस्तिव में आया था। यहां की अधवैत सुंदरता को देख कर पी बैरन क्षुब्ध थे। अपनी यात्रा के बाद उन्हीने ब्रिटिश सरकार को अवगत कराया कि एक ऐसी जगह हैं जो स्वर्ग के समान है। जिसके बाद ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों ने नैनीताल का रुख किया। जिसके साथ ही नैनीताल में ब्रिटिश सरकार के सतब साथ आम लोगों की भी बसासत शुरू हुई। जिसके बाद आज तक यह सिलसिला जारी है।
इस अवसर पर नैनीताल के लोकल चैनल, ताल चैनल द्वारा नैनीताल मल्लीताल राम सेवक सभा मे आयोजित किया गया। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते नैनीताल का जन्मोत्सव सादगी के साथ मनाया गया। जिसमें चारों धर्मो के धर्मगुरुओं द्वारा प्रार्थना नैनीताल की खुशहाली के लिए प्रार्थना की गई। साथ ही मुख्यथिति आईएसए कपिल जोशी व विशिष्ट अथिति डॉ एमएस दुग्ताल व पुजारी लोहनी द्वारा हवन किया गया। जिसके बाद केक काटकर नैनीताल का जन्मदिन मनाया। इस मोके पर जरूरतमंद व होनहार विद्यर्थियों को पाठ्य सामग्री दी गई
उल्लेखनीय हो कि नैनीताल की खोज 18 नवम्बर 1841 को अंग्रेज व्यापारी पीटर बैरन ने भृमण के दौरान की थी। भारत के सबसे लोकप्रिय विश्व मानचित्र पर पर्यटन की दृष्टि से अतिविशिष्ट स्थान रखने वाले इस शहर को नैनीताल के नाम से जाना जाता है। जनपद के देवपाटा, आयरपाटा, हांडी, चीना, आल्मा लॉज, शेर का डांडा, लकड़ियाकांता की पहाड़ियों के बीच नैनीताल की प्रशिद्ध नैनीझील को पीटर बैरन के खोज कर आज नैनीताल विश्व के मानचित्र में एक अलग पहचान बना चुका है।
भारतवर्ष में नैनीताल अपनी एक अलग पहचान है। इस मौके पर ताल चैनल की ईशा साह, ताल चैनल निर्देशक दीपक बिष्ट भाजपा मंडल अध्यक्ष आनंद बिष्ट, पूर्व चेयरमैन मुकेश जोशी मोंटू,आशा फाउंडेशन की अध्यक्ष आशा शर्मा,समाज सेविका गीता शाह, नीलू एलेंस, प्रगति जैन, वर्षा, जगदीश बवाडी,राजेंद्र प्रसाद, ग्राम सेवक सभा के अध्यक्ष मनोज शाह, शालिनी आर्य ,राहुल पुजारी,धीरेंद्र चंद्र, शिव शंकर मजूमदार, सरदार जोगिंदर सिंह, आदि मौजूद रहें।
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