नई दिल्ली, एजेंसियां। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके कहा कि प्रेस की आजादी बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि अपनी बात रखने की आजादी होनी चाहिए लेकिन किसी को जानबूझकर बदनाम नहीं करना चाहिए। टेलीविजन मीडिया के पास अपना नियामक निकाय होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि समाचार चैनलों को विनियमित करने के लिए न्यायाधीश एके सीकरी की अध्यक्षता में एक एजेंसी का गठन किया गया है लेकिन कई चैनल इसके सदस्य नहीं हैं।“प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र की आत्मा है। प्रेस की स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन कोई भी स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है। इसलिए, प्रेस द्वारा एक जिम्मेदार स्वतंत्रता और कोई सनसनीखेज होना नहीं है, ”मंत्री ने वीडियो संदेश में कहा।
OTT platforms don't have any regulatory body neither they have self-regulation. There's variety of content on these platforms ranging from good to bad. The media fraternity should themselves take initiative to set an example of responsible freedom: I&B Minister Prakash Javadekar https://t.co/1j74Zs7BjF
— ANI (@ANI) November 16, 2020
जावड़ेकर ने कहा कि समाचार चैनलों को जवाबदेह बनाने के लिए आचार संहिता बनाने के सुझाव आए हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म के मसले पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों (OTT platforms) के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है… ना तो उनके पास स्व-विनियमन की प्रणाली ही है। इन प्लेटफॉर्म्स (OTT platforms) पर सामग्री की विविधता है जो अच्छी और बुरी दोनों है। ऐसे में स्वतंत्रता के जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन का मिसाल कायम करने के लिए खुद मीडिया संस्थानों को आगे आकर पहलकदमी करनी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र की आधारशिला और उसकी आत्मा है। लेकिन स्वतंत्रता अपने साथ कुछ जिम्मेदारियां भी लाती है। समाचार चैनलों को सनसनी फैलाना बंद करना चाहिए। किसी भी खबर को जान-बूझकर किसी को बदनाम करने की नीयत से नहीं चलाया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वक्त में मीडिया की स्वतंत्रता पर जिस तरह से हमला किया जा रहा है वह भी निंदनीय है। टीआरपी मामले पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय द्वारा गठित समिति जल्द इसकी जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी।
जावड़ेकर ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक वेबिनार में बताया कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने हाल ही में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके तहत ऑनलाइन न्यूज पोर्टल, ऑनलाइन कॉन्टेंट प्रोवाइडरों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (Ministry of Information and Broadcasting) के तहत लाया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि प्रेस परिषद में पत्रकारों, फोटोग्राफरों और अन्य लोगों के प्रतिनिधि शामिल हैं लेकिन लोग इसको (press council) को और अधिक शक्ति देने की मांग कर रहे हैं।
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