देहरादून, राज्य की उत्तराखंड सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। जबकि अभी तक किसी भी मरीज में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद उसका इलाज कोविड केयर सेंटर में किया जा रहा था।
लेकिन अब कुछ शर्तों के साथ कोरोना मरीज अपने घर में होम आइसोलेट रहकर भी इलाज करवा सकते हैं। सचिवालय में शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने होम आइसोलेशन से संबंधित जानकारी देने वाली दिशा निर्देश पुस्तिका का विमोचन किया।
पुस्तिका के दिशा निर्देशों के अनुसार किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम मरीज की जांच करेगी। उसके बाद यह तय किया जाएगा कि मरीज को होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है या नहीं।
होम आइसोलेशन की अवधि 17 दिन की होगी 7 दिनों के बाद बुखार या अन्य लक्षण पाए जाने पर होम आइसोलेशन को समाप्त कर दिया जाएगा और मरीज को कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाएगा। इन बातों का रखना होगा ध्यान होम आइसोलेशन की सुविधा के लिए मरीज को कुछ शर्तों का पालन करना होगा।
अगर उसके घर में हवादार कमरा, अलग शौचालय, एक तीमारदार होगा तभी मरीज को होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी
मरीज को दिया जाएगा प्रशिक्षण
मरीज के घर में 65 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध, गंभीर बीमारी से पीड़ित कोई सदस्य या गर्भवती स्त्री होगी तो उनको भी कहीं और ठहराने की व्यवस्था करनी होगी।
होम आइसोलेशन के लिए मरीज को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और हर दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम फोन पर मरीज के संपर्क में रहकर निगरानी करेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के इलाज की पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं।
फिलहाल कई कोविड केयर सेंटरों में बेड खाली हैं लेकिन लोगों की मांग को देखते हुए कुछ शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की व्यवस्था को अनुमति दी गई है। यह व्यवस्था केवल बिना लक्षण वाले कोरोनावायरस को ही दी जाएगी।
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