नई दिल्ली, तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में बुराड़ी ग्राउंड पर शिफ्ट नहीं होंगे। किसानों ने कहा कि वो दिल्ली बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करते रहेंगे। गौरतलब हो कि हजारों की संख्या में पंजाब-हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली कूच किए हैं।
दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन की वजह से आम जतना की परेशानी को देखते हुए सरकार ने बुराड़ी ग्राउंड पर शिफ्ट होने की अपील की थी। एक तरफ जहां दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं तो वहीं, यूपी सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान हजारों की संख्या में डेरा डाल रखा है। अमित शाह की अपील और पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताये जाने के बावजूद भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। सिंघु बॉर्डर पर किसान आगे की रणनीति को लेकर चर्चा कर रहे हैं तो वहीं, यूपी गेट पर किसान उग्र हो गए। यहां पर किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़कर प्रदर्शन किया। उधर गृहमंत्री द्वारा शर्त के साथ मीटिंग के प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया। उधर किसानों के आंदोलन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील भी उनके समर्थन में उतर आए हैं।
कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। किसान नेता हरमीत सिंह कादियां ने कहा कि हमने फैसला लिया कि सभी बॉर्डर और रोड ऐसे ही ब्लॉक रहेंगे। गृह मंत्री ने शर्त रखी थी कि अगर हम मैदान में धरना देते हैं तो वो तुरंत मीटिंग के लिए बुला लेंगे। हमने शर्त खारिज़ कर दी है। अगर वो बिना शर्त के मीटिंग के लिए बुलाएंगे तो ही हम जाएंगे।
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