Tuesday, November 26, 2024
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संस्कृत के बिना भारत की कल्पना नहीं: प्रतापचन्द्र

हरिद्वार अगस्त 26 (कुल भूषण शर्मा)  गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय के संस्कृतविभाग द्वारा  आयोजित सात दिवसीय संस्कृत महोत्सव के दूसरे दिन कार्यक्रम के मुख्यातिथि गुरुकुल काङ्गडी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा० सत्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व विघटन की अवस्था में है।

संस्कृत भाषा ही विश्व को एकसूत्र में बाँधने का सामर्थ्य रखती है। कार्यक्रम के उद्घाटनसत्र के विशिष्टातिथि प्रतापचन्द्र षडंगी (केन्द्रियमन्त्री, सूक्ष्म लघु कुटीर उद्योग, भारत सरकार) ने संस्कृत की सर्वज्ञानमूलकता, सर्वभाषाजननीत्व को प्रतिपादित करते हुये कहा कि संस्कृत के बिना भारत की कल्पना सम्भव नहीं है। पतञ्जलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो० महावीर अग्रवाल ने संस्कृतविभाग के द्वारा संस्कृत और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए किए जाने वाले प्रयासों की प्रशंसा की।

“वर्तमानपरिप्रेक्ष्ये संस्कृतशोधस्य दिशा” इस विषय पर विशिष्टव्याख्यान देते हुए हिमाचलकेन्द्रियविश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० कुलदीप अग्निहोत्री जी ने कहा कि संस्कृत भाषा केवल साहित्य को पढाने का माध्यम न बने, अपितु आधुनिक विषयों को भी संस्कृत के माध्यम से पढाने की आवश्यकता है। प्राचीन भारतीय ज्ञान विज्ञान को जानने समझने के लिये संस्कृत की पाण्डुलिपियों के शोध की आवश्कता को भी उन्होंने प्रतिपादित किया। कार्यक्रम के अन्त में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो० दिनेश भट्ट तथा प्राच्य विद्या संकाय के अध्यक्ष प्रो० ब्रह्मदेव विद्यालंकार ने कार्यक्रम मे उपस्थित सभी विद्वज्जनों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद व्यक्त किया। डॉ वेदव्रत ने कार्यक्रम का संयोजन किया।

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