हैदराबाद: भाग्यलक्ष्मी मंदिर भी अयोध्या राम मंदिर की ही तरह भूमि विवाद का केंद्र रहा है. इस मंदिर पर यह आरोप बार बार लगता रहा है कि पहले मंदिर का निर्माण किया गया था और बाद में चारमीनार संपत्ति पर ही अतिक्रमण कर लिया गया. एएसआई ने दशकों तक इस बात को मेनटेन कर रखा कि मंदिर को स्थान से हटा दिया जाना चाहिए. एएसआई ने रिकॉर्ड पर यह भी कहा था कि चारमीनार से सटे इस मंदिर जैसी संरचनाओं के कारण चारमीनार ने यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में अपना नामांकन नहीं करा पाया. मंदिर का गर्भ गृह की दीवार दरअसल चारमीनार की ही दीवार है. हिन्दू लोग दावा करते हैं कि यह मंदिर चारमीनार जितना ही पुराना है. रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यहां पहुंचे.
हाल ही में टीआरएस द्वारा जब 10 हजार रुपये बाढ़ के नाम पर बांटे जा रहे थे तब इलेक्शन कमीशन ने रोक लगा दी थी इसके बाद बंडी संजय का लेटर भी वायरल हुए जिससे लोगों को लगा बीजेपी ने रोक लगवाई है. इसके बाद सत्य की सौगंध खाने के लिए बीजेपी चीफ बंडी संजय इसी भाग्य लक्ष्मी मंदिर पहुंचे थे. उनके साथ कई कार्यकर्ता भी शामिल हुए जिसके बाद चारमीनार पर टेंशन का माहौल बन गया था. बताया जा रहा है कि गुरुवार को मोदी के भाई प्रहलाद मोदी भी यहां दर्शन करने पहुंचे थे. वे हर दो तीन महीनों में आते रहते हैं. इससे पहले पिछले साल आरएसएस चीफ मोहन भागवत भी आए थे.
मंदिर में दर्शन कर बीजेपी लोगों को ये संदेश दे सकती है कि यदि सत्ता में आई तो अयोध्या की तरह यहां भाग्यलक्ष्मी मंदिर का निर्माण करेगी. हाल ही में तेजस्वी सूर्या ने हैदराबाद को भाग्यनगर नाम देने की बात कही थी. योगी आदित्यनाथ ने भी इसे भाग्यनगर में बदलने की बात कही है.
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