नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अगुवाई में वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक 27 अगस्त यानी आज हुई है। इस बैठक के दौरान राज्यों को जीएसटी के मुआवजे पर मंथन किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि पांच घंटे तक चली बैठक में राज्यों को 2 विकल्प दिए गए हैं। पहले विकल्प के तहत केंद्र खुद उधार लेकर राज्यों को मुआवजा दे या फिर दूसरे विकल्प में आरबीआई से उधार लिया जाए। इन दोनों विकल्पों पर अब राज्य 7 दिनों के भीतर अपनी राय देंगे। बतौर रिपोर्ट्स सात दिन के बाद एक फिर संक्षिप्त बैठक होगी। यह विकल्प सिर्फ इस साल के लिए है। काउंसिल अप्रैल 2021 में फिर बैठेगा और हालात की समीक्षा करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी की कमी को पूरा करने के लिए जिन विकल्पों पर चर्चा की गई है, वे केवल चालू वित्त वर्ष के लिए हैं। जीएसटी परिषद अगले साल अप्रैल में इस मुद्दे पर फिर से विचार करेगी। बैठक में अनुराग ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री (MoS), विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। केंद्र के आकलन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में क्षतिपूर्ति के रूप में राज्यों को 3 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इसमें से 65,000 करोड़ रुपए की भरपाई जीएसटी के अंतर्गत लगाए गए उपकर से प्राप्त राशि से होगी। इसीलिए कुल कमी 2.35 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।
इसके अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर निशाना साधा है। निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि जिन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच विश्वास की कमी लाई, आज वही सत्ता के बाहर बैठकर बोल रहे हैं। उन्हें आत्मचिंतन करना चाहिए। बता दें कि सोनिया ने जीएसटी का हिस्सा राज्यों को नहीं दिए जाने पर केंद्र पर विश्वासघात का आरोप लगाया था। सोनिया गांधी ने कहा था कि जीएसटी मुआवजे का भुगतान न करना देश और राज्यों के साथ विश्वासघात है।
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