नई दिल्ली, उर्दू के मशहूर शायर और बॉलीवुड के गीतकार डॉ. राहत इंदौरी मंगलवार 11 अगस्त को दुनिया से अलविदा हो गये है, 70 साल के इंदौरी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया | राहत इंदौरी लंबे समय से दिल की बीमारी और डायबिटीज से जूझ रहे थे, हाल ही में निमोनिया के चलते उनके फेंफड़ों में इंफेक्शन हो गया था |
कोरोना संक्रमण की शिकायत के बाद बीते रविवार को उन्हें अरविंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इसकी जानकारी उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर दी, अरविंदो अस्पताल के डॉ विनोद भंडारी ने एएनआई को बताया कि उर्दू कवि राहत इंदौरी को आज दो बार दिल का दौरा पड़ा और उन्हें बचाया नहीं जा सका, कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद उन्हें रविवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें 60% निमोनिया था |
…राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो
एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखोराहत जी आप यूँ हमें छोड़ कर जाएंगे, सोचा न था। आप जिस दुनिया में भी हों, महफूज़ रहें, सफर जारी रहे।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 11, 2020
राहत इंदौरी का जन्म इंदौर में 1 जनवरी 1950 में रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उन निशा बेगम के घर में हुआ. राहत इंदौरी ने प्रारंभिक शिक्षा नूतन स्कूल इंदौर में पूरी की. इसके बाद इस्लामिया करीमिया कॉलेज इंदौर से 1973 में राहत ने अपनी स्नातक की परीक्षा पूरी की 1975 में बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से उर्दू साहित्य में एमए उपाधि हासिल की. तत्पश्चात 1985 में राहत इंदौरी को मध्य प्रदेश के मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी उपाधि प्राप्त हुई | राहत इंदौरी ने अपने कैरियर की शुरूवात इंद्रकुमार कॉलेज, इंदौर में अध्यापन कार्य शुरू की थी | उनके पढ़ाये गये कई छात्र बताते है कि राहत इंदौरी उस दौर में कॉलेज के अच्छे अध्यापक थे और लोग मंत्रमुग्ध होरक उनके व्याख्यानों को सुनते थे. बाद में उनका जीवन मुशायरों को समर्पित हो गया. समूचे भारत और विदेशों से उनको निमंत्रण आने लगे. 19 वर्ष की उम्र में उन्होने अपनी पहली शायरी सुनाई थी और शायरी का यह बेताज बादशाह आज इस दुनिया को छोड़कर चला गया |
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