नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव न करने का फैसला लिया हैयऔर रेपो रेट 4 पर्सेंट ही बनाए रखने की बात कही है। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट भी 3.3 पर्सेंट पर ही बना रहेगा। मीडिया से बात करते आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव न करने का फैसला लिया है। फिलहाल आरबीआई ने रेपो रेट 4 पर्सेंट ही बनाए रखने की बात कही है। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट भी 3.3 पर्सेंट पर ही बना रहेगा। इसके चलते लोन किस्तों में कमी आने की उम्मीद कर रहे कर्ज धारकों को झटका लगा है। यही नहीं 6 महीने के लिए दिए गए लोन मोराटोरियम के विस्तार को लेकर भी आरबीआई गवर्नर ने कुछ नहीं कहा है। लोन मोराटोरियम की अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो रही है। इसके अलावा आरबीआई ने सोने के एवज में लोन की लिमिट को 90 पर्सेंट तक करने का फैसला लिया है। अब तक सोने की कीमत के 75 फीसदी के बराबर ही कर्ज मिल सकता था।
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ के निगेटिव जोन में ही बने रहने का अनुमान है। इसके अलावा पूरे वित्त वर्ष में ही यह स्थिति देखने को मिल सकती है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अब भी कमजोर है। लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़त का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक सुधार शुरू हो गया है। खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है। कोरोना वायरस की वजह से इस साल की पहली छमाही में महंगाई दर में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, दूसरी छमाही में इसमें कमी आने की संभावना है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीतियों को लेकर आक्रामक रुख तब तक जारी रहेगा, जब तक इसकी जरूरत होगी। शक्तिकांत दास ने कहा कि हम ग्रोथ में तेजी लाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि कोरोना के असर के असर को कम से कम किया जाए। इसके अलावा हमारी नजर महंगाई दर पर भी है। रिजर्व बैंक ने 4 फीसदी का लक्ष्य प्लस-माइनस 2 पर्सेंट का लक्ष्य रखा है। मतलब मैक्सिमम 6 पर्सेंट और मिनिमम 2 पर्सेंट।
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