काठमांडू. पूर्वी नेपाल के संखुवासभा जिले में शनिवार को 4.2 तीव्रता का भूकंप (Earthquake) का झटका आया. राष्ट्रीय भूगर्भ विज्ञान विभाग के मुताबिक भूकंप शाम चार बजकर छह मिनट पर आया और इसका केंद्र काठमांडू (Kathmandu) से 300 किमी दूर पूर्व में संखुवासभा जिले में था. झटका काठमांडू जिले के इर्दगिर्द भी महसूस किया गया. हालांकि अब तक जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.
इससे पहले, नेपाल के सिंधुपालचोक जिले में शुक्रवार को भूस्खलन से लगभग 40 लोग लापता हो गए और कई मकान नष्ट हो गए. वहीं 9 लोगों की मौत हो गई है. समाचार पत्र ‘हिमालयन टाइम्स’ की खबर के अनुसार, भूस्खलन शुक्रवार सुबह छह बजे लामा टोल के ऊपर से हुआ. सुरक्षाकर्मियों ने राहत एवं बचाव अभियान चलाया. नेपाल के प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष अग्नि प्रसाद सपकोटा ने मौके पर पहुंचकर नुकसान और राहत कार्यों का जायजा लिया. सपकोटा के प्रेस समन्वयक श्रीधर नुपाने ने बताया कि इस घटना में 30 से अधिक मकान मलबे में दब गये और 37 लोग लापता हैं. कहां कितनों की मौत भूस्खलन की पहली घटना कालिकोट महावाई गाऊ पालिका वार्ड नंबर तीन नाकू गांव में बृहस्पतिवार रात हुई. रात में हुई भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन में मलबे के नीचे दबने से यहां छह लोगों की मौत हो गई. मृतकों में एक ही परिवार के चार बच्चे हैं. मृतकों में राज बहादुर बिस्टा के परिवार में पुत्र पुष्पा (13), प्रवीण (11), बेटी सविना 18) और आशा (15) शामिल हैं. पड़ोस में ही रहने वाले राजबहादुर बिस्सा के भाई दिल बहादुर बिस्सा (19) और रेशमा बिस्सा की दस वर्षीय बेटी शांति की भी मौत का कारण भूस्खलन बना. स्थानीय चित्रा सिंह ने बताया कि नाकू गांव में भूस्खलन के कारण 35 घरों को नुकसान हुआ है. दूसरी घटना नेपाल के सिंधुपालचौक जिले की जुगल ग्राम नगरपालिका वार्ड नंबर दो में बृहस्पतिवार सुबह हुई. यहां हुए भूस्खलन में 38 लोग लापता हो गए जबकि तीन लोगों की मौत हो गई. राहत और बचाव कार्य के दौरान तीनों लोगों के शव बरामद कर लिए गए. ग्राम नगर पालिका उपाध्यक्ष सरजाना तमांग ने जानकारी दी कि भूस्खलन का मलबा 37 घरों में भर जाने से कम से कम 38 लोग दब गए.
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