देहरादून , प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, भारत रत्न, स्0 पं0 जवाहरलाल नेहरू जी के जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर कांग्रेसजनों ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह के नेतृत्व में ’’समाज निर्माण में पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी के विचारों का योगदान’’ विशय आयेाजित गोष्ठी कार्यक्रम में पं0 जवाहर लाल नेहरू जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने किया।
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह ने पं0 नेहरू के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान किये त्याग और योगदान पर हमें गर्व है। उन्होंने प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और आधुनिकि भारत की जो आधारशिला रखने में योगदान दिया उसके लिए हम सब भारतवासी उन्हें कृतज्ञता से याद करते हुए नमन करते हैं। पं0 जवाहरलाल नेहरू जी के पंचशील के सिद्धांत आज भी पूरी दुनिया को शांति का संदेश देते हैं। उन्होंने संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में समाजवाद, लोकतंत्र व नियोजन का नया प्रयोग किया था जिससे पूरे विश्व में लोकतंत्र की बयार कोे नई दिशा मिली थी। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए भारत के औद्योगिक विकास की मजबूत नींव खड़ी की थी।
आजाद भारत की मजबूत अर्थ व्यवस्था की बुनियाद उनके कुशल नेतृत्व व दूरदृष्टि व विकास की सोच के कारण ही पड़ पाई थी। पं0 नेहरू ने पूरे विश्व में भारत के विकास का एक नया माॅडल प्रस्तुत किया था। आज भी उन्हें पूरे विश्व में मिश्रित अर्थ व्यवस्था का जनक माना जाता है। उन्होंने कहा कि पं0 जवाहर लाल नेहरू जी एवं उनके द्वारा किये गये कार्यों तथा उनकी स्मृतियों को मिटाने के लिए कुछ शक्तियां जो इस समय सत्ता मद में चूर हैं, अनेकानेक कुत्सित प्रयास कर रही हैं हमें उनके इस कुप्रयास का जवाब देना है। उन्होंने कहा कि जो लोग आज भारत की राजनीति से कांग्रेस को मुक्त करने की बात कर रहे हैं उन्हें हिन्दुस्तान की जनता समय-समय पर जवाब दे रही है एक समय वे भारत की राजनीति से स्वयं मुक्त हो जायेंगे।
श्री प्रीतम सिंह ने कहा कि आधुनिक भारत के निर्माता प0 नेहरू जी बहुलतावादी समाज, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय तथा साझा समृद्धि के लिए राष्ट्र के संसाधनों पर समान अधिकार और अवसर के पक्षधर थे। उन्होंने भारत की एकता, सम्प्रभुता और अखण्डता को अक्षुण्ण बनाये रखने तथा विभाजनकारी विचारधारा की राजनैतिक शक्तियों का मुकाबला करने का मार्ग दिखाया तथा गुटनिरपेक्ष आन्दोलन का सूत्रपात किया तथा विश्व के राष्ट्रों में भारत के गौरव को बढ़ाकर विश्व नेतृत्व की भूमिका में खड़ा किया। हमे उनके दिखाये मार्ग पर चलकर साम्प्रदायिकता, घृणा और हिंसा को बढ़ावा देने का काम करने वाली शक्तियों का डटकर मुकालबा करना है।
श्री प्रीतम सिंह ने कहा कि पण्डित नेहरू जी के 12 विचार आज के भारत निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देते हैं। उन्होंने कहा था नागरिकता देश की सेवा में होती हैं। संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है। लोकतंत्र अच्छा है. मैं ऐसा इसलिए कहता हूं क्योंकि अन्य प्रणालियां इससे बदतर हैं। संकट में हर छोटी सी बात का महत्व होता है। तथ्य, तथ्य हैं और किसी की पसंद से गायब नहीं होते हैं। विफलता तभी होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं। एक महान कार्य में लगन और कुशल पूर्वक काम करने पर भी, भले ही उसे तुरंत पहचान न मिले, अंततः सफल जरूर होता है। लोगों की कला उनके मन का सही दर्पण है। एक पूंजीवादी समाज की शक्तियों को अगर अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो वे अमीर को और अमीर तथा गरीब को और गरीब बना देती हैं।
वह व्यक्ति जिसे वो सब मिल जाता है जो वो चाहता था, वह हमेशा शांति और व्यवस्था के पक्ष में होता है। शांति के बिना अन्य सभी सपने गायब हो जाते हैं और राख में मिल जाते हैं तथा आप दीवार के चित्रों को बदल कर इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते हैं।
गोष्ठी कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा, पूर्व मंत्री मातवर सिह कण्डारी, महामंत्री नवीन जोशी, महामंत्री राजेन्द्र शाह, महामंत्री हरिकृष्ण भट्ट, महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, विशेष आमंत्रित सदस्य सुभाष चाौधरी, पूर्व विधायक रामयश ंिसह, पूर्व विधायक राजकुमार, लखपत बुटोला, राजेश चमोली, नवीन पयाल, संदीप चमोली, गिरीश पुनेडा, प्रदेश सचिव राजेश शर्मा, मंजुला तोमर, शांति रावत, डाॅ0 प्रतिमा सिंह, राजकुमारी पंवार, सुनित सिंह राठौर, शोभाराम, देवेन्द्र सती, कमलेश रमन, राजपाल, डाॅ0 प्रदीप जोशी, अजय नेगी, सूरत सिंह नेगी, पुष्कर सारस्वत, भरत शर्मा, संतोष सैनी, धर्मवीर सैनी, देविका रानी, सचिन थापा, अर्जुन सोनकर, सविता सोनकर, मुकेश सोनकर, सागर लाम्बा, रीता रानी, अमृता कौशल, राहुल प्रताप सिंह, मिथिलेश, शीतल, नैना, शांति श्रीवास्तव, अजय बेलवाल, विजय रतूडी, राहुल राॅबिन पंवार, अजय रावत, धीरेन्द्र सावन, सूरज राणा, श्याम ंिसह चैहान, दुर्गेश पण्डित, सावित्री थापा, पवन खरोला, राज कुमार यादव, अनुराधा तिवारी, आदि उपस्थित थे।
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