अल्मोड़ा, भारत ज्ञान-विज्ञान समिति, बालप्रहरी तथा बालसाहित्य-संस्थान, अल्मोड़ा द्वारा बाल-दिवस के उपलक्ष्य में 5 से 13 नवंबर,2020 तक आयोजित ऑनलाइन बाल-मेले के समापन अवसर पर ‘दीपावली, पटाखे, प्रदूषण और फिजूलखर्ची’ विषय पर आयोजित बच्चों की परिचर्चा में 40 बच्चों ने भागीदारी की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार तथा सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राज) में हिन्दी-विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. रामनिवास ‘मानव’ ने कहा कि बच्चे बहुत कुछ जानते हैं। उनकी अपनी समझ होती है।
हम उन्हें कोरी स्लेट मानकर उन्हें बार-बार उपदेश देते हैं। ऐसे कोरे उपदेश न तो बच्चों को अच्छे लगते हैं और न बड़ों को। उन्होंने कहा कि बच्चों ने परिचर्चा में प्रदूषण रहित दीवाली मनाने तथा बम-पटाखे न चलाने का संकल्प लिया है। उनके अनुसार बच्चों की करनी और कथनी में अंतर नहीं होता है, जबकि बड़े लोग किसी विषय पर लंबे भाषण और सुझाव तो देते हैं, परंतु व्यावहारिक जीवन में उनका पालन नहीं करते। बालसाहित्य की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा किआज बालसाहित्य लिखा तो बहुत जा रहा है, परंतु वह बच्चों तक नहीं पहुंच रहा है। बालसाहित्य बच्चों तक पहुंचाना हम सबके लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। यदि बच्चों तक बालसाहित्य पहुंचे, तो वे उसे जरूर पढ़ेंगे।
अध्यक्ष-मंडल में फाल्गुनी शक्टा, प्रेरणा जोशी, ऊर्जा जोशी, शिव सागर आदि बच्चों को शामिल किया गया था। परिचर्चा में सुरेंद्र, अंशिका, चंदन, देवरक्षिता, गुड़िया, देव, मान्यता, तमन्ना, कोमल, शिवांशी, सुवर्णा, आयुष, ऋषि, रचित, रिया, अर्जरागिनी, दिया, मानिक, आशिमा, नेहा आदि बच्चों ने सहभागिता की। संचालन बीयर शिवा स्कूल, अल्मोड़ा की कक्षा 11वीं की छात्रा गरिमा जोशी ने किया।
वरिष्ठ बालसाहित्यकार डॉ. नागेश पांडेय ‘संजय’, राकेश चक्र, श्याम पलट पांडेय, आकाश सारस्वत, उद्धव भयवाल, बृजेशकुमार नेगी, इंद्रा नेगी, गीता जोशी, मीनू जोशी, आभा जोशी, उदय बिष्ट, महेश जोशी, देवसिंह राना, रूपा राय आदि कार्यक्रम में उपस्थित थे।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक ‘बालप्रहरी’ पत्रिका के संपादक तथा बालसाहित्य संस्थान, अल्मोड़ा के सचिव उदय किरौला ने कहा कि 9 दिवसीय इस कार्यक्रम में कहानी-वाचन, कविता-पाठ, बालकवि-सम्मेलन, परिचर्चा, चुटकुले, पहेलियां, भाषण , कुमाउनी भाषण, वरिष्ठ कवियों की रचनाओं का पाठ, स्वरचित कविताओं का वाचन, पत्र-लेखन तथा चित्रकला आदि गतिविधियों का ऑनलाइन आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि चित्रकला में 80 से अधिक बच्चों ने अपनी ड्राइंग ऑनलाइन प्रस्तुत की तथा इस अवधि में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ, जम्मू, राजस्थान तथा पंजाब के 198 बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में सहभागिता की। इस अवधि में गरिमा जोशी, उपासना तिवारी, कनक जोशी, आशिमा शर्मा, प्रेरणा जोशी, शिवांशी शर्मा, अरुणा साह तथा रोमा चंद को विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करने का अवसर मिला। 35 बच्चों ने अलग-अलग सत्रों में अध्यक्ष-मंडल में अपना व्याख्यान दिया।
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