नई दिल्ली: फीस कटने के डर की वजह से अगर आप अभी भी डिजिटल लेनेदेन (Digital Transaction) से कतराते हैं, तो अब डर खत्म हो गया है. केंद्र सरकार ने देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स (MDR) चार्ज को खत्म कर दिया है. सबसे बड़ी बात ये है कि अगर आपके बैंक ने डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) के लिए कोई भी चार्ज वसूला तो सरकार इस पर कार्रवाई करेगी.
CBDT ने बैंकों को दिया निर्देश
रविवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक बार फिर बैंकों के लिए सर्कुलर जारी किया है. नए निर्देश में बैंकों को एक बार फिर कहा गया है कि ग्राहकों से किसी भी डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए MDR व अन्य शुल्क न वसूला जाए. बैंकों को एक बार फिर कहा गया है कि 1 जनवरी 2020 से इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिये पेमेंट करने पर MDR समेत कोई अन्य चार्ज न वसूलने के निर्देश दिए गए हैं.
बैंकों को वसूले गए चार्ज लौटाना होगा
रविवार को जारी नए निर्देश में CBDT ने कहा है कि कुछ बैंक UPI (Unified payment Interface) के जरिए पेमेंट पर कुछ चार्ज वसूल रहे हैं. इसमें एक तय लिमिट के ट्रांजैक्शन के बाद ग्राहकों से चार्ज वसूले जा रहे हैं. ऐसा करते हुए बैंक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं और इसके लिए उनपर जरूरी कार्रवाई की जा सकती है.
जान लें क्या होता है MDR चार्ज
जानकारों का कहना है कि MDR चार्ज एक फीस है जो दुकानदार आपके डेबिट (Debit Card), क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) करने पर वसूलता है. कुल मिलाकर ये डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट की सुविधा पर लगने वाली फीस है.
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