देहरादून, विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है ताकि पर्यावरण की रक्षा के लिए सभी को अपना हिस्सा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। वर्ष 2023 विश्व पर्यावरण दिवस के 50वें संस्करण को चिन्हित करेगा, जिसे “प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान” विषय के तहत मनाया जाएगा। इस वर्ष की थीम लोगों को प्लास्टिक के उपयोग को छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करने और इसे पर्यावरणीय गिरावट के स्रोत के रूप में पहचानने पर केंद्रित है।
इसी को ध्यान में रखते हुए वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून ने आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर “प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान” विषय पर कविता पाठ और भाषण तथा “एफआरआई परिसर की जैव विविधता” विषय पर फोटोग्राफी का आयोजन किया गया |
समारोह वन अनुसंधान संस्थान के दीक्षांत गृह में आयोजित किया गया। जिसमें श्री महालिंग, आईएफएस और हेड एक्सटेंशन डिवीजन, समारोह के सम्मानित अतिथि श्रीमती मोहिनी रावत, प्रकृति प्रेमी एवं भाऊक पक्षी दृष्टा, श्रीमती श्रीमती जयश्री आरडे, आईएफएस एंड पीसीसीएफ (सेवानिवृत्त), अरुणाचल प्रदेश का डॉ. रेनू सिंह, आईएफएस, निदेशक, एफआरआई और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। प्रमुख विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर किए गए कार्यक्रम और गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। वन अनुसंधान संस्थान एवं डीम्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों, आधिकारियों, संकाय और छात्रों ने कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम में प्रतियोगिताओं के विजेताओं को समारोह के सम्मानित अतिथि श्रीमती मोहिनी रावत पत्नी डीजी आईसीएफआरई और श्रीमती श्रीमती जयश्री आरडे, आईएफएस एंड पीसीसीएफ (सेवानिवृत्त), अरुणाचल प्रदेश द्वारा सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में वन अनुसंधान संस्थान निदेशक डॉ. रेनू सिंह ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण में योगदान देना प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। वह हमारे ग्रह का जश्न मनाने, उसकी रक्षा करने और उसे बहाल करने के लिए वैश्विक स्तर पर सामूहिक, परिवर्तनकारी कार्रवाई का आह्वान करती है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण मानव के सामने एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन एक प्राकृतिक आपदा और बढ़ते तापमान के कारण ग्लोबल वार्मिंग के रूप में एक बड़ा अलार्म है। उन्होंने बताया कि संस्थान देश की प्रमुख नदियों के कायाकल्प पर भी काम कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण की भयावहता और इसके पुनर्चक्रण और इसकी भविष्य की समस्या और सभी संभावित पारिस्थितिक तंत्रों में सभी जीवन रूपों पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की। मिशन लाइफ अपनी विभिन्न गतिविधियों जैसे एकल उपयोग प्लास्टिक के माध्यम से लोगों के बीच एक प्रभावी जागरूकता पैदा करने के लिए मंच को प्रभावित कर सकता है। शॉपिंग के लिए प्लास्टिक बैग की जगह कपड़े के बैग का इस्तेमाल करें। जहां भी संभव हो अपनी खुद की पानी की बोतल ले जाएं। भंडारण बक्से के रूप में कांच के कंटेनरों / पैकेजिंग वस्तुओं का पुन: उपयोग करें, शहरों और जल निकायों के सफाई अभियान में भाग लें और भागीदारी करें, गैर-प्लास्टिक पर्यावरण के अनुकूल कटलरी का उपयोग करने की सीमा को प्राथमिकता दें। आप सभी इस बात से अवगत होंगे कि आपके सभी प्रयासों से एफआरआई अपने मिशन जीवन के संस्थागत लक्ष्य को समय से पहले ही प्राप्त करने में सक्षम हो गया था, जिसने सहकारी प्रयासों में बहुत उम्मीद जगाई थी और इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देती हूं। श्रीमती ऋचा मिश्रा, आईएफएस, प्रमुख वन संवर्धन एवं वन प्रबंधन प्रभाग ने भी परिसर के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा की गयी मिशन लाइफ गतिविधियों के बारे में बताया।
श्रीमती विजया रात्रे, आईएफएस, एएस(जी), एसएफएम डिवीजन ने कार्यक्रम का संचालन किया और अंत में डॉ. देवेंद्र कुमार, वैज्ञानिक ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। डॉ. चरण सिंह, वैज्ञानिक, और श्री रामबीर सिंह, वैज्ञानिक विस्तार प्रभाग, एफआरआई ने घटनाओं के परिणाम तैयार किए और श्री विजय कुमार, एसीएफ, श्री प्रीतपाल सिंह, आरएफओ और एक्सटेंशन डिवीजन, एफआरआई के अन्य अधिकारियों की टीम ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने में बहुत योगदान दिया।
दो दिवसीय बाल विधानसभा शुरू, द्वितीय सत्र के पहले दिन दी गई योजनाओं की जानकारी
गैरसैंण(चमोली), उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मार्गदर्शन में आज प्लान इण्डिया द्वारा बाल विधानसभा द्वितीय सत्र का आयोजन गैरसैंण विधानसभा में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना, विशिष्ट अतिथि विनोद कपरवाण व अनुसचिव, डा. एसके सिंह, बाल विधानसभा स्पीकर श्याम पाठक व बाल उपविधानसभा स्पीकर भूमिका रौथाण द्वारा दीप प्रजवलन कर किया गया।
आयोग के अनुसचिव द्वारा मुख्य अतिथि अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथि सदस्य विनोद कपरवाण द्वारा शॉल भेंट कर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में बाल विधायकों द्वारा पूर्व में किये गये छः माह का प्रस्तुतीकरण प्रस्तुत किया गया। बाल विधानसभा अध्यक्ष श्याम पाठक व बाल उपविधानसभा अध्यक्ष भूमिका रौथाण द्वारा अपना उद्बोधन दिया गया।
कार्यक्रम में महिला कल्याण से जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट द्वारा महिला कल्याण की वर्तमान में संचालित योजनाओं से बाल विधायकों को अवगत कराया गया साथ ही बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित हैल्पलाईन को एकरूपता प्रदान की जा रही है, जिससे बाल विधायकों को अवगत कराया गया।
स्वास्थ्य विभाग से अर्जुन रावत द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित व क्रियान्वित योजनाओं तथा विभागीय योजनाओं पर चली रही कार्यवाही से बाल विधायकों को अवगत कराया गया। कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा दुर्गम क्षेत्रों में आपातकालीन सुविधाओं व विपत्ति के समय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया।
उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनुसचिव डा एसकेसिंह द्वारा बाल विधायकों को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं से अवगत कराया गया, जिसमें मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, नन्दा गौरा योजना व प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह को पोषण दिवस के रूप में मनाए जाने के बारे में विस्तार से बताया गया।
बाल विधानसभा स्पीकर श्याम पाठक व सुमेधा उपाध्याय, नेता प्रतिपक्ष द्वारा अवगत कराया गया कि बाल विधायकों को अनुसचिव महोदय द्वारा प्रदान की गई जानकारी प्रेरणादायक व लाभकारी लगी तथा पूर्व 6 माह मे किये गये कार्यो को समस्त बाल विधायकों तथा विभिन्न विभागों से उपस्थित अधिकारियों के साथ सांझा किया गया।
उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की विधि अधिकारी ममता रौथाण द्वारा बाल अधिकारों व बालक बालिकाओं की सुरक्षा व शक्तियों से बाल विधानसभा में बाल विधायकों को अवगत कराया गया।
उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष द्वारा समस्त अधिकारीगणों, बाल विधायको,प्लान इण्डिया का अभिनन्दन कर स्वागत किया गया। बाल विधायकों द्वारा पूर्व छः माह में किये गये कार्यो के लिये अभिवादन करते हुये पूर्ण आत्मविश्वास, आत्म निर्भता के साथ अपने क्षेत्र में कार्य किये जाने हेतु कहा गया। बाल विधायकों को अपने परिवारजनों व अध्यापकों का सम्मान, पर्यावरण सुरक्षा, स्वच्छता पर कार्य किये जाने हेतु जोर दिया तथा अपने क्षेत्र के ग्राम प्रधानों से समन्वयन स्थापित कर समाज में फैली अनुचित गतिविधियों को रोकने हेतु प्रयास किये जाने पर जोर दिया तथा साथ हेल्थ, सेनिटेशन एण्ड न्यूटीशियन कमेटी के बारे में पढते हुये जानकारी प्राप्त कर कार्यवाही किये जाने की बात कही। इस क्रम में सभी बाल विधायकों, विभिन्न विभागों से उपस्थित अधिकारियों का अभिनन्दन कर सत्र का समापन किया गया।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा ऋषिकेश आईएसबीटी परिसर में चलाया गया स्वच्छता अभियान
ऋषिकेश, निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के पावन आशीर्वाद से विश्व को वैश्विक प्रदूषण एवं ग्लोबल वार्मिंग के संकट से बचने हेतु संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा संयुक्त राष्ट्र की थीम बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन के विषय अनुरूप आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऋषिकेश आईएसबीटी परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
स्वच्छता अभियान कार्यक्रम प्रातः 9:00 बजे प्रारंभ होकर 12:00 तक चला। जिसमें सेवादल, एस एन सी एफ व साध संगत के वॉलिंटियर्स ने विशाल परिसर व उसके चारों ओर आसपास के क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाकर 35 बैक कूड़ा इकट्ठा किया। जिसको नगर निगम के वाहनों द्वारा उचित स्थान पर पहुंचाया गया।
आईएसबीटी परिसर में प्लास्टिक बैग में समान ले जा रहे यात्रियों से प्लास्टिक बैग लेकर कपड़े का थैला भेंट दिया गया और प्लास्टिक बैग का उपयोग न करने का निवेदन भी किया।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के (एस एन सी एफ) वॉलिंटियर्स ने नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर प्लास्टिक बैग के स्थान पर कपड़े के थैले इस्तेमाल करने एवम नो प्लास्टिक यूज/ बीट एयर पॉल्यूशन / स्वच्छता और वृक्षारोपण का संदेश दिया।
उसके पश्चात पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने एवं प्लास्टिक बैग्स प्लास्टिक बोतल को इस्तेमाल नही करने की शपथ भी ली गई।
मुख्य अतिथि मैत्री संस्था की संस्थापक कुसुम जोशी ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए वृक्ष लगाने अति आवश्यक है। कहा की जन्मदिन, विवाह, शादी की वर्षगांठ व अन्य किसी भी कार्यक्रम में पौधा लगा कर मानाना चाहिए।
कार्यक्रम में ब्रांच संयोजक, संचालक ज्ञान प्रचारक, एरिया इंचार्ज व साथ संगत के सैकड़ो वॉलिंटियर्स उपस्थित रहे।
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