देहरादून: ब्रीदिंग आर्ट्स बाय अनुराग चौहान और मॉस्को में भारतीय दूतावास की पूर्व सांस्कृतिक निदेशक उषा आर के द्वारा आज समर वैली स्कूल में भगवान शिव के सम्मान में एक मनमोहक संध्या का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध कथक नर्तक पं. अभिमन्यु लाल और उनकी शिष्या वर्षा दासगुप्ता ने ‘श्रृंगार शिव’ शीर्षक से कार्यक्रम प्रस्तुत किया। प्रदर्शन ने भगवन शिव के दिव्य गुणों और भव्यता को श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम की शुरुआत ‘शिव-अनंत’ से हुई, जो गायन की ध्रुपद शैली में एक रचना है, जहां नर्तकों ने अपने सुंदर प्रदर्शन के माध्यम से भगवान शिव के गुणों को प्रस्तुत किया। इसकी कोरियोग्राफी में भगवान शिव के डमरू, उनकी जटाएं और उनसे बहती हुई गंगा नदी को चित्रित किया गया।
पं अभिमन्यु लाल एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय कथक नर्तक हैं जिन्होंने कला के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपनी तकनीकी उत्कृष्टता, अभिनव नृत्यकला और गतिशील प्रदर्शन के लिए जाने जाने वाले पं. अभिमन्यु ने खजुराहो नृत्य महोत्सव, थाईलैंड में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव और मैड्रिड में इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ़ सेक्रेड आर्ट्स सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समारोहों में प्रदर्शन किया है।
कार्यक्रम की दूसरी रचना, ‘देवी स्तुति’ में देवी को उनके शुद्धतम रूप में चित्रित किया गया, जहाँ वे स्वयं को फूलों और पवित्रता के माध्यम से अर्पित करती हैं। इस प्रदर्शन में देवी की आभा के बारे में बताया गया और दर्शाया गया की कैसे ब्रह्मांड के देवता भी unka आदर करते हैं।
कथक की बेहतरीन तकनीकी बारीकियों को तीन ताल में प्रदर्शित करते हुए शाम को ‘शुद्ध नृत्य’ के साथ आगे बढ़ाया गया। अभिमन्यु लाल का फुर्तीला फुटवर्क, बेदम घुमाव, और हाथ के इशारों की भव्यता ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में दर्शकों में से एक ने कहा, “मैंने अपने जीवन में पहले कई कथक प्रदर्शन देखे हैं, लेकिन यह वास्तव में अद्भुत था। इस प्रस्तुति में अभिमन्यु लाल का फुटवर्क और वर्षा दासगुप्ता के हाव-भाव त्रुटिहीन थे।”
कार्यक्रम का समापन ‘अर्धनारीश्वर’ के साथ हुआ, जिसमें शिव और पार्वती के एक हो जाने पर दो शक्तियों और अनुकूलता के सुंदर सम्मिश्रण को चित्रित किया गया।। इसकी नृत्यकला अनुग्रह और शक्ति का एक आदर्श मिश्रण रही, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभाशाली कलाकार मोनिका गेरा द्वारा ‘शिव रस’ (शिव के भावों) पर एक प्रदर्शनी भी देखी गई।
पंडित अभिमन्यु लाल को कथक में उनके योगदान के लिए 2014 में राष्ट्रीय नृत्य शिरोमणि पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़ा गया है।
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