मुंबई , ग्लोबल हैंडवाशिंग डे पर गैर लाभकारी शैक्षणिक मीडिया संगठन सेसमी वर्कशाप इंडिया ने स्वच्छता और व्यवहार परिवर्तन गठबंधन जो कि यूनिलीवर और ब्रिटेन सरकार के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) के बीच एक गठबंधन है के सहयोग से एक अभियान शुरू किया जिससे स्वच्छता और रोगों की रोकथाम वाली आदतों के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।
संगठन ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह बहु-माध्यम अभियान ग्लोबल हैंडवाशिंग डे के थीम ‘एच इज हैंडवाश’ का समर्थन करता है। अभियान के एक हिस्से में, सेसमी वर्कशाप इंडिया ने हिंदी, मराठी, तेलुगु और तमिल में वीडियो, पोस्टर और ई-पुस्तकों जैसे सरल किंतु आकर्षक आनलाइन प्रचार सामग्री का विकास किया है। यह सामग्री सोशल मीडिया, यूट्यूब, रेडियो और समुदायों में प्रत्यक्ष सेवाओं के माध्यम से तमाम परिवारों तक पहुंचेगी। स्कूलों में साबुन के ब्रांड लाइफबॉय के सहयोग से सेसमी स्ट्रीट के अनोखे डिजिटल खेल ‘एच फॉर हैंडवाशिंग’ का एक नया हिंदी वर्जन भी वितरित किया जाएगा। इस अभियान के केंद्र में रंग-बिरंगे, प्रिय सीसमे के मपेट्स (कठपुतलियां) हैं, जो युवा बच्चों और परिवारों के सामने स्वास्थ्य और स्वच्छता की सकारात्मक आदतो का प्रदर्शन करते हैं।स्वच्छता और व्यवहार परिवर्तन गठबंधन (एचबीसीसी) का गठन 2020 में यूनिलीवर और ब्रिटेन सरकार के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) द्वारा किया गया था। इसे कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए विकसित किया गया था, ताकि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वायरस के प्रसार को सीमित किया जा सके। यह अब तक जीवनरक्षक व्यवहार-परिवर्तन संदेश, स्वच्छता उत्पादों, शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से एक बिलियन से अधिक लोगों तक पहुंच चुका है। सेसमी वर्कशाप जो कि सेसमी वर्कशाप इंडिया का मातृ संगठन है, ने महामारी के बीच बच्चों और परिवारों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सहयोग करने के लिए एचबीसीसी गठबंधन में भागीदारी की।
स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में बच्चों के साथ संगठन के कार्य के बारे में बताते हुए सेसमी वर्कशाप इंडिया की प्रबंध निदेशक सोनाली खान ने कहा, हमारा लक्ष्य बच्चों और परिवारों के बीच स्वच्छता के ज्ञान, प्रवृत्ति और आदतों को बढ़ावा देना और बच्चों की विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। स्वच्छता व्यवहार परिवर्तन गठबंधन के माध्यम से, हम स्वास्थ्य और स्वच्छता की महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ अधिक से अधिक बच्चों और परिवारों तक पहुंचने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहे हैं।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के निकट सहयोग के बिना एचबीसीसी कार्यक्रमों का व्यापक विकास और क्रियान्वयन संभवन नहीं था। लंदन स्कूल आफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन (एलएसएचटीएम) में व्यवहार परिवर्तन और वॉश (पानी, स्वच्छता और स्वच्छता) के अकादमिक विशेषज्ञों के सहयोग को शामिल करते हुए एफसीडीओ के साथ यूनिलीवर की साझेदारी, संकटग्रस्त देशों में वायरस के प्रसार को धीमा करने में मदद हेतु स्थापित ब्रिटेन की सबसे बड़ी सार्वजनिक-निजी भागीदारी थी। एफसीडीओ अपने दूतावासों और उच्च आयोगों के नेटवर्क के साथ-साथ मौजूदा साझेदारी के माध्यम से त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए अच्छी स्थिति में था जिससे कि मानवीय कार्यक्रम वितरण में संसाधनों और विशेषज्ञता के साथ, वे एक वैश्विक कार्यक्रम को तेजी से लागू करने में मदद कर सके। स्वास्थ्य और स्वच्छता की आदतों और विशेषज्ञता को बढ़ावा देने के यूनिलीवर के लंबे इतिहास और सामूहिक मीडिया और अभियान क्रियान्वयन में विषेशज्ञता के साथ, यह सेसमी वर्कशाप इंडिया के माध्यम से छोटे बच्चों के जीवन तक पहुंचने के लिए एक प्रभावी साझेदारी थी।
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