(देवेन्द्र चमोली)
रुद्रप्रयाग- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम में उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा छाई रही। खासकर केदारनाथ धाम यात्रा पर उनका ध्यान केन्द्रित रहा। उन्होंने धाम में फैली गंदगी पर चिन्ता जताई व पर्यावरण स्वच्छता का कार्य कर रहे स्थानीय लोगों की जमकर सराहना की।
पर्यावरण स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्थानीय निवासी मनोज बैंजवाल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे प्रेरणा लेने की बात कही। इसके अलावा प्रधानमंत्री द्वारा सुरेन्द्र बगवाड़ी व देवर की चंपा देवी के स्वच्छता कार्यों की खूब सराहना की।
आज मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा में हजारों यात्री पहुंच रहे हैं। जिसके चलते लोग केदारनाथ की यात्रा के सुखद अनुभव साझा कर रहे हैं। कहा कुछ यात्री केदारनाथ धाम में गंदगी भी फैला रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपनी बात रखी। किन्तु शिकायतों के बीच केदारनाथ में अच्छी तस्वीरें भी देखने को मिल रही हैं। जिसमें कई श्रद्धालु धाम में पूजा पाठ के साथ सफाई भी कर रहे हैं। कहा तीर्थ यात्रा का महत्व पूजा पाठ के साथ तीर्थ सेवा भी माना जाता है। उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग जिले के निवासी मनोज बेंजवाल से पर्यावरण स्वच्छता की प्रेरणा मिलेगी। कहा वह 25 सालों से पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में जुटे हुए हैं। साथ ही पवित्र स्थलों को प्लास्टिक मुक्त करने में भी जुटे हुए हैं। इसी तरह गुप्तकाशी निवासी सुरेंद्र बगवाड़ी ने भी स्वच्छता को जीवन मंत्र बनाया है। जबकि उन्होंने स्वच्छता के कार्यक्रम का नाम मन की बात स्वच्छता अभियान रखा है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि देवर गांव की चंपा देवी 3 सालों से गांव की महिलाओं को कूड़ा प्रबंधन सिखाने में जुटी हुई है। जबकि चंपा देवी ने अपने गांव के नजदीक एक हरा भरा बन भी स्थापित किया है।
बता दें कि बैंजी गांव निवासी मनोज बेंजवाल वर्ष 2003 से पर्यावरण स्वच्छता के छैत्र में कार्य करते आ रहे है शुरुआती दौर में जागृति संस्था के माध्यम से उन्होंने पर्यावरण स्वच्छता का बीड़ा उठाया वर्तमान में केदार घाटी में वे स्वच्छता के छैत्र में कार्य कर रहे है।
मनोज बैंजवाल का कहना है कि स्वच्छता के साथ साथ कूड़ा निस्तारण करना सबसे महत्वपूर्ण है। क्योंकि प्लास्टिक के कूड़े से पर्यावरण पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। जिस कारण आने वाले समय में रुद्रप्रयाग के संवेदनशील वन क्षेत्र, नदियां प्रदूषित हो जाएंगी। जिसके चलते भविष्य में इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कहा सभी देशवासियों को अपने प्रधानमंत्री के संदेश पर अमल कर पर्यावरण व प्रकृति की रक्षा में अपना योगदान देना होगा।
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