Monday, October 7, 2024
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मतदान के लिये पहचान पत्र के अलावा अन्य दस्तावेज भी हैं मान्य

देहरादून, भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 के मतदान हेतु सभी निर्वाचक जिन्हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किये गये हैं, उनके द्वारा मतदान स्थल पर अपना मत डालने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने हेतु अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र दिखाए जाने के निर्देश दिए है।

अपनी पहचान स्थापित करने हेतु निर्वाचक फोटो पहचान के अतिरिक्त आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों/डाकघरों की फोटोयुक्त पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, यूनिक डिसएबिलिटी आईडी कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज में से कोई एक प्रस्तुत कर सकते हैं।

 

जिला प्रशासन की पहल : किन्नर समाज की घर पर थाप, ताकि वोट जरूर दें आप

देहरादून, शादी एवं अन्य खुशी के मौकों पर किन्नर समाज घर घर जाकर अपनी दुआयें देता है, अब उसी किन्नर समाज को इस बार जिला प्रशासन ने विधान सभा चुनाव जागरूक करने की पहल का कार्य दिया है। इस उत्सव के साथ जुड़ी जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए किन्नर समाज के सदस्य घर-घर पर थाप देने लगे हैं। ताकि आप वोट देकर अपनी जिम्मेदारी हर हाल में पूरी कर सकें।third gender make voter awareness compain in dehradun - Uttarakhand  Dehradun City State News

जिला निर्वाचन अधिकारी डा. आर राजेश कुमार की पहल पर किन्नर (थर्ड जेंडर) समाज के सदस्यों ने सोमवार को डालनवाला क्षेत्र की एमडीडीए कालोनी व भगत सिंह कालोनी में घर-घर जाकर थाप दी। इस दौरान किन्नर समाज के व्यक्तियों ने मतदाताओं को जागरूक किया। उनसे अपील की गई कि लोकतंत्र की मजबूती की खातिर हर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करे। जिला निर्वाचन अधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि हर घर थाप का अभियान जारी रहेगा। इसके अलावा स्वीप के तहत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। नुक्कड़ नाटक किए जा रहे हैं, स्लोगन व गीत-संगीत के माध्यम से भी मतदाताओं से हर हाल में वोट की अपील की जा रही है। राजनीतिक रूप से भी सक्रिय है,
दून में करीब 500 किन्नर सदस्य हैं और इनमें मतदाताओं की संख्या 250 है | दून का किन्नर समाज काफी जागरूक है और राजनीतिक रूप से भी सक्रिय है। फिर चाहे चुनाव लड़कर समाज की बेहतरी के लिए खड़ा होना हो या मतदाता के रूप में लोकतंत्र में भागीदारी निभाना, दून का किन्नर समाज कहीं भी पीछे नहीं रहता। यही कारण है कि जिला प्रशासन ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए किन्नर समाज को भी इस मुहिम से जोड़ने का प्रयास किया।

 

 

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