देहरादून, संयुक्त कर्मचारी महासंघ कुमाऊं एवं गढ़वाल मंडल विकास निगम ने पर्यटन निगमों के एकीकरण और राजकीयकरण की मुहिम तेज कर दी है। दोनों निगमों का एकीकरण कर पर्यटन विकास परिषद में समायोजन की मांग की जा रही है। अपनी मांगों के समर्थन में कर्मचारियों ने क्रमिक धरना शुरू कर दिया है, जो 18 सितंबर तक चलेगा। मुख्यालय पर जुटे कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी की और सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया। महामंत्री आशीष उनियाल ने कहा कि निगमों का एकीकरण एक ही शर्त पर मान्य होगा, जब पर्यटन विकास परिषद में कर्मचारियों का समायोजन होगा। इसके अलावा एकीकरण का दूसरा कोई विकल्प मान्य नहीं होगा। इससे पहले कई साल से कार्यरत दैनिक, संविदा, अग्रिम आदेशों के तहत रखे गए कर्मचारियों को भी नियमित किया जाए। इन मांगों का निस्तारण न होने पर चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर जोगेंद्र लाल, राजेश रमोला, अजयकांत शर्मा, नरेंद्र कंडारी, चंद्रबल्लभ पाठक, नरेश ममगाईं, दिनेश रावत, सुरजीत, गिरीश चंद्र जोशी, वरुण पोखरियाल, सुनील नेगी, अर्णिम शर्मा, नरेंद्र कंडारी, राजेंद्र, विक्रम सिंह रौथाण, राजेश पंवार, राजेंद्र पुरोहित, गौर सिंह, राजेंद्र रतूड़ी आदि थे।
प्रमुख मांगें
संविदा कर्मचारियों को न्यूनतम 25000 रुपये वेतन और सामूहिक बीमा
जीएमवीएन-केएमवीएन को 50-50 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद
दोनों निगमों को एफएलटू, खनन और पर्यटन के निर्माण कार्य दिए जाएं
नियमित कर्मचारियों को पुरानी सेवा का भी लाभ मिले
विभागीय प्रमोशन के साथ चतुर्थ से तृतीय श्रेणी का विभागीय कोटा भरा जाए
रिटायर कर्मचारियों के लंबित देयकों का भुगतान, छठे वेतनमान का एरियर
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को 2800 ग्रेड-पे के एरियर का भुगतान
अटल आयुष्मान योजना का लाभ निगमों के नियमित एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को दिया जाए
जीएमवीएन में अग्रिम आदेशों से छूटे कर्मचारियों का नाम जोड़ा जाए, यही व्यवस्था केएमवीएन में भी लागू हो
दोनों निगमों में व्याप्त वेतन विसंगतियां दूर हों
कोई भी गेस्ट हाउस पीपीपी मोड पर न दिया जाए
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