देहरादून, प्रदेश में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का संचालन फिर से शुरू किया जाएगा। पहले प्रदेश में पीएमकेएसवाई-2.0 के अंतर्गत 224 केंद्र संचालित हो रहे थे। अब पीएमकेएसवाई-3.0 शुरू हो चुकी है। अभी इसके 10 प्रशिक्षण केंद्रों को मंजूरी मिली है। इनका संचालन जल्द शुरू किया जा रहा है। इसके साथ ही इनकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार केंद्र में दस्तक देने की तैयारी कर रही है।
केंद्र सरकार देशभर में युवाओं के कौशल विकास पर जोर दे रही है। इस कड़ी में उत्तराखंड में भी वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और उत्तराखंड कौशल विकास योजना शुरू की गई। राज्य सरकार का लक्ष्य दोनों योजनाओं में 2022 तक राज्य के करीब एक लाख युवाओं को विभिन्न ट्रेड में पारंगत करने का था। इसके लिए 31 ट्रेड में 577 पाठ्यक्रम निर्धारित किए गए। युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए 224 कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र खोले गए। वर्ष 2018 में कौशल विकास केंद्रों के संचालन का जिम्मा दूसरे राज्यों की कंपनियों को दिए जाने को लेकर विवाद हुआ। इस कारण ये केंद्र काफी लंबे समय तक बंद रहे। वर्ष 2019 में सरकार ने व्यवस्था को दुरुस्त करने हुए इनका संचालन फिर शुरू किया।
जब तक युवा पूरी तरह से प्रशिक्षित हो पाते, तब तक 2020 में योजना की अवधि समाप्त हो गई। योजना समाप्त होने से सरकार को कौशल विकास के जरिये युवाओं को रोजगार देने प्रयास को खासा झटका लगा। सरकार ने इस मसले पर केंद्र में दस्तक दी तो बताया गया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-2.0, 2017 से लेकर मार्च 2020 तक के लिए थी। अप्रैल 2020 से प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना-3.0 शुरू की गई है। इस योजना के तहत उत्तराखंड को मात्र 10 केंद्र स्वीकृत हुए। इनमें से तीन-तीन केंद्र देहरादून और ऊधमसिंह नगर, दो केंद्र पौड़ी गढ़वाल और एक-एक केंद्र हरिद्वार और नैनीताल में बनाए गए।
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