देहरादून, उत्तराखंड़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनने का अवसर गवां चुके हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत राज्य में अब किसी भी सीट पर उपचुनाव की संभावना नहीं है। बीते रोज पूर्व कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नवप्रभात ने भी उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और सरकार पर हमला बोला था। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश को फिर संकट में डाल दिया है।
मुख्यमंत्री के उपचुनाव के बारे में ढुलमुल रवैये के चलते अब संवैधानिक व्यवस्था के तहत तीन ही विकल्प शेष हैं। मुख्यमंत्री का उपचुनाव नहीं होने की सूरत में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए अथवा विधानसभा भंग कर चुनाव कराए जाएं। तीसरा विकल्प सांसद व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने पद से इस्तीफा दें और विधायकों के बीच से ही नया मुख्यमंत्री चुना जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग से संविधान के प्रविधानों के अनुसार उपचुनाव पर निर्णय ले की मांग की है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रविधान है कि विधानसभा की अवधि एक साल से कम रहने पर उपचुनाव नहीं कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्ष के रूप में सत्तारूढ़ दल को संविधान के प्रविधानों की अनदेखी नहीं करने देगी।
प्रदेश में कांग्रेस विधानमंडल दल का नेता जल्द तय करने को पार्टी संगठन पर दबाव बढ़ रहा है। उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता के चयन समेत विभिन्न मुद्दों पर वार्ता भी हुई। करन माहरा को नेता प्रतिपक्ष के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
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