देहरादून, सैनिक कल्याण, औद्योगिक विकास, एम0एस0एम0ई0 तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गणेश जोशी द्वारा निदेशक उद्योग विभाग से अपेक्षा की गई है कि आगामी 15 दिवस के भीतर ‘‘एक जनपद-दो उत्पाद’’ के तहत प्रत्येक जनपद अंतर्गत उत्पादित होने वाले अथवा संभावित उत्पादों के सूची बनाते हुए उनकी प्रासंगिकता एवं स्थानीय स्तर पर उद्यमिता विकास में इन उत्पादों की भूमिका पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। ताकि इस तर्ज पर आगे की कार्ययोजना बना कर स्थानीय उत्पादों तथा तद्जनित उद्यम के विकास हेतु कार्य को धरातल पर लाया जा सके।
उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री जी के नारे ‘‘वोकल फॉर लोकल’’ को चरितार्थ करने के लिए भी ‘‘एक जनपद – दो उत्पाद’’ को विकसित किए जाने की आवश्यकता है। विशेष तौर एम0एस0एम0ई0 श्रेणी में आने वाले उत्पादों को औद्योगिक विकास योजनाओं का वह लाभ नहीं मिल पाता जिसकी उन्हें जरूरत है। ऐसे में नागरिकों, उद्यमियों की पहल का इंतजार किए बिना सरकार द्वारा अपनी ओर से भी सम्भावनाशील स्थानीय उत्पादों की पहचान कर उन्हें उद्योग के तौर पर विकसित किया जाएगा। ताकि स्थानीय उद्यमियां में इन उत्पादों में रूचि एवं रूझान जगे।
एम0एस0एम0ई0 में बहुत सम्भावनाएं हैं। लॉकडाउन के समय में अपने घरों को लौटे प्रवासी लोग अपने साथ अलग – अलग हुनर भी लाए हैं। हम उनकी उद्यमिता को एम0एस0एम0ई0 योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।
मेरी प्राथमिकता है कि उद्योग सिर्फ देहरादन, उधम सिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल जनपद में ही ना सिमट जाए। स्थानीय आवश्यकता तथा आपूर्ति के हिसाब से पहाड़ों में भी औद्योगिक विकास को पहुंचाना मेरी प्राथमिकता है।
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