हरिद्वार 30 जनवरी (कुल भूषण ) भारतीय वनस्पतियों में स्वास्थ्यवर्धक औषधियो का अपार भण्डार समाहित है जिसका उपयोग कर मनुष्य जीवन को आरोग्य व समृद्ध बनाया जा सकता है। आज जरूरत इस बात की है कि भारतीय वनस्पतियों व पौधों में छुपे इस ज्ञान से देश के युवा वैज्ञानिकों व शोध कर्ताओं को अवगत कराने की जिससे की प्रकृति की इस अथाह सम्पदा का उपयोग मानव कल्याण में अधिक से अधिक किया जा सके। यह उद्गार गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के बीण् फार्मा विभाग में चल रहे पादप कुम्भ में भाग लेने बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे गुना म0प्र0 से लोकसभा सांसद डा0 कृष्ण पाल सिंह यादव ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा की यह बहुत हर्ष का विषय है कि एक तरफ तीर्थनगरी हरिद्वार में आस्था का कुंभ पर्व आयोजित किया जा रहा है वही में भारतीय संस्कृति वैदिक शिक्षा की ध्वजा फहराने वाले गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय द्वारा वनस्पति के क्षेत्र मे पादप वनस्पति महा कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इसके द्वारा मंथन निकलेगा। वह निश्चय ही ज्ञान विज्ञान व स्वास्थ्य के मंत्र में मानव के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रूपकिशोर शास्त्री ने डा0 कृष्ण पाल सिंह यादव का स्वागत करते हुए कहा की गुरूकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय ने हमेशा राष्ट्र निर्माण में अपनी अग्रणीय भूमिका का निर्वाहन किया है। इस दिशा में विश्वविद्यालय निरंतर अग्रसर है। विश्वविद्यालय में जहां विभिन्न आधारित रोजगार परक विषयों मे छात्रों को शिक्षित किया जा रहा है। वही विज्ञान व वैदिक विषयों के साथ.साथ उनमें प्राचीन भारतीय वैदिक शिक्षा को भी संस्कारित करने की दिशा में कार्य कर उन्हें संस्कारित कर राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए तैयार किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 दिनेश चन्द्र भट्ट ने कहा बी फार्मा विभाग द्वारा आयोजित पादप पुष्प महाकुंभ इस दिशा में किया जा रहा एक सार्थक प्रयास है। इसके लिए विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 सतेन्द्र राजपूत बधाई के पात्र है। इनके नेतृत्व में इस भव्य आयोजन को आयोजित किया जा रहा है। इसकी भारत सरकार डारेक्टर द्वारा किया गया था। आने वाले समय में यह अभियान निश्चय ही मील का पत्थर हासिल होगा।
भेषज्ञ विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 सतेंद्र राजपूत ने अतिथियो का स्वागत करते हुए कहा कि उच्चाधिकारियों के सफल निर्देशन में यह आयोजन आयोजित किया जा रहा है। जिसमें विभिन्न चरणों में विस्तार से चर्चा कर देश विदेश के वैज्ञानिकों व शोध कर्ताओं द्वारा अपने अनुभव मंच पर साझा किये जा रहे है। विभाग द्वारा एक दुर्लभ वनस्पतियों की वाटिका का भी निर्माण किया गया है। जिसमें देश की विभिन्न दुर्लभ प्रजाति की वनस्पतियों को संग्रहित करने का कार्य किया जा रहा है। यह वाटिका देश में अपने प्रकार की एक विशिष्ट वाटिका होगी।
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