Monday, November 25, 2024
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उत्तराखंड़ : जीरो टॉलरेंस वाली सरकार पर प्रश्न चिन्ह, गूलर पुल हादसे में तीन अभियन्ता मुख्यालय अटैच

देहरादून, उत्तराखण्ड़ की जीरो टॉलरेंस वाली सरकार पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो गये हैं, पिछले हफ्ते व्यासी आल वेदर रोड़ निर्माण के अंतर्गत निर्माणाधीन गूलर पुल हादसे की जांच रिपोर्ट मिलने पर शासन ने कार्रवाई कर दी है। गुरूवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर सचिव लोनिवि आर.के. सुधांशु ने विभाग के अधिशासी अभियंता और दो सहायक अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से श्रीनगर गढ़वाल से देहरादून मुख्य अभियंता कार्यालय में अटैच कर दिया है। इसके साथ ही पुल निर्माण के सुपर विजन के लिए तैनात कंसलटेंट कंपनी मैसर्स आयोलीजा कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड को काली सूची में डालने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से सिफारिश की गई है। पुल निर्माण की निर्माण एजेंसी मैसर्स राजश्यामा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को भी डिबार कर दिया गया है। अब यह कंपनी उत्तराखंड राज्य में एक साल तक निविदाओं में भाग नहीं ले सकेगी।

गौरतलब हो कि बीती 21 नवंबर को ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग (एनएच-58) पर व्यासी के समीप गूलर में निर्माणाधीन पुल की शटरिंग फेल हो गई थी, जिसके चलते इस दुर्घटना में 13 मजदूर घायल हो गए थे और एक की मौत हो गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को हादसे के तत्काल जांच के आदेश दिए थे।

प्रदेश के मुखिया के आदेश के बाद सचिव लोनिवि ने मुख्य अभियंता (एनएच) की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर उसे तत्काल मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए थे। इस कमेटी ने बीते मंगलवार को शासन को अपनी जांच सौंप दी थी। बुधवार को जांच रिपोर्ट का परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के आदेश दिए। सचिव लोनिवि ने इस जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए श्रीनगर लोनिवि में तैनात अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार बिजल्वाण, सहायक अभियंता मनोज पंवार व मृत्युंजय शर्मा को तत्काल प्रभाव से मुख्य अभियंता कार्यालय देहरादून में संबद्ध (अटैच) करने के आदेश दिए, लोनिवि सचिव आर. के. सुधांशु ने बताया कि इस हादसे में जान माल का नुकसान हुआ है। हालांकि यह पुल ईपीसी मोड में था, लेकिन कंसलटेंट एजेंसी और निर्माण एजेंसी की लापरवाही को कतई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है।

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