Tuesday, November 26, 2024
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श्रम मंत्रालय ने दिया 12 घंटे के रोजाना कार्यदिवस का प्रस्ताव, कर्मचारियों को होगा बड़ा फायदा, जाने कैसे

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने कर्मचारियों के हित में एक बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय (Labour Ministry) ने संसद में हाल ही में पारित एक कानून में रोजाना काम के घंटे को बढ़ाकर अधिकतम 12 घंटे किए जाने का प्रस्‍ताव दिया है। अभी एक दिन का कार्य दिवस अधिकतम आठ घंटे का होता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक, मंत्रालय ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य शर्तें (Occupational Safety, Health and Working Conditions, OSH Code 2020) संहिता 2020 के मसौदा नियमों के तहत ऐसा प्रस्ताव दिया है।

मंत्रालय (Labour Ministry) की ओर से दिए गए प्रस्‍ताव के मुताबिक, इस 12 घंटे की अ‍वधि के बीच में अल्पकालिक अवकाश यानी इंटरवल भी शामिल है। सबसे बड़ी बात यह कि 19 नवंबर 2020 को अधिसूचित इस मसौदे में साप्ताहिक काम (weekly working hours) के घंटे को 48 घंटे पर ही बरकरार रखा गया है। मौजूदा प्रवाधानों के मुताबिक, आठ घंटे के कार्यदिवस में काम करने का सप्ताह छह दिन का ही होता है। इसमें एक दिन अवकाश का भी शामिल होता है। श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो मंत्रालय की ओर से ऐसा प्रस्‍ताव देश की विषम जलवायु परिस्थिति के मद्देनजर दिया गया है।

दरअसल, भारत में एक कार्यदिवस का काम पूरे दिन में बंटा होता है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) के इस प्रस्‍ताव के अमल में आने से श्रमिकों को ओवरटाइम भत्ता के जरिए अधिक कमाई करने की अतिरिक्‍त सुविधा मिल जाएगी। अधिकारी ने बताया कि हमने मसौदा नियमों में ऐसा प्रावधान किया है ताकि आठ घंटे से ज्‍यादा काम करने वाले श्रमिकों को ओवरटाइम (overtime allowance) पाने की सुविधा मिल सके। ओएसएच संहिता (OSH Code by Parliament) के मसौदा नियमों के अनुसार किसी भी दिन ओवरटाइम की गणना में 15 से 30 मिनट के समय को 30 मिनट गिना जाएगा।

मौजूदा वक्‍त में जो व्यवस्था है उसके अनुसार 30 मिनट से कम समय की गिनती ओवरटाइम (overtime in framework) के रूप में नहीं की जाती है। ओएसएच संहिता (OSH Code) के मसौदा नियमों में कहा गया है कि किसी भी श्रमिक को एक हफ्ते में 48 घंटे से अधिक समय तक किसी प्रतिष्ठान में काम करने की जरूरत नहीं होगी। काम के घंटों को इस तरह से व्यवस्थित करना होगा कि इंटरवल यानी मध्‍यावकाश समेत किसी भी दिन काम के घंटे 12 से अधिक नहीं हों। मसौदे में साफ कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी कम से कम आधे घंटे के इंटरवल के बिना पांच घंटे से ज्‍यादा लगातार काम नहीं करेगा।

 

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