देहरादून, राज्य कर्मचारियों के कुछ संवर्गों को पूरे सेवाकाल में दी जाने वाली तीन वित्तीय पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए शासन ने सभी विभागाध्यक्षों से उक्त पदोन्नति के बारे में 15 दिन में ब्योरा तलब किया है।
सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नत योजना (एमएसीपी) लागू की है। इसके तहत उन्हें सीधी भर्ती की तारीख से 10, 20 व 30 वर्ष की लगातार व संतोषजनक सेवा के आधार पर क्रमश: पहली, दूसरी और तीसरी वित्तीय प्रोन्नति दी जाती है। इस व्यवस्था में हीलाहवाली को गंभीरता से लेते हुए वित्त अपर सचिव अरुणेंद्र सिंह चौहान ने सभी विभागाध्यक्षों को आदेश जारी किए हैं। दरअसल, कर्मचारियों के विभिन्न संवर्ग हैं।
इनमें लिपिक, आशुलिपिक या निजी सचिव समेत कुछ संवर्गों में पदोन्नति के समुचित अवसर नहीं हैं। पूरे सेवा काल के दौरान पदोन्नति के अवसर नहीं मिलने के लिए वित्तीय स्तरोन्नयन या प्रोन्नति का प्रविधान किया गया है। विभागों में इन प्रविधानों की उपेक्षा की जा रही है। इससे कर्मचारियों में असंतोष है। इस वजह से विभिन्न कार्मिक संगठनों ने कुछ संवर्गो में पूरे सेवाकाल में तीन प्रोन्नति नहीं मिलने का मुद्दा शासन के समक्ष रखा था। अपर मुख्य सचिव कार्मिक और वित्त के अधिकारियों के साथ इस समस्या के समाधान पर सहमति बनी है।
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