(हरीश पाण्डे) अल्मोडा, उत्तराखंड सरकार में अधिकारी बेलगाम कहें या फिर कमीशनखोरी मैं मस्त दोनों ही शब्द सटीक बैठते हैं इस खबर में। जनपद अल्मोडा के। विकास खण्ड धौलादेवी के 40 ग्राम सभाओं के 107 तोकोऺ की हजारों लोगों की हलक गीली करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई 40 करोड़ की सरयू पम्पिग पेयजल योजना को किस तरह चूना लगाया जा रहा है, डालें एक नजर। सर्व प्रथम सरयू के पानी को शुद्ध करने के लिए जिस वाटर फिल्टर का प्रयोग किया जाता है
कार्यदाई संस्था व ठेकेदार की मिलीभगत से फिल्टर के बिना ही जनता को कई महीने पानी पिलाया गया। जिसका राज वर्षा ऋतु में उफनाए सरयू से तब खुला जब बिना फिल्टर के खिंचे पानी ने पंप को चौक किया, तथा सरयू से पेयजल आपूर्ति सुचारू करने हेतु आई बेल सरयू से लगभग 500 मीटर ऊपर लगाया गया जो कि टैक्निकली गलत है। इस तरह की खामियां शुरूआती दौर में ही कई दर्जन देखने को मिल जाएंगी, तथा गांव व तोको में वितरण प्रणाली में प्रकाश डालें तो मानकों के हिसाब से पाइपलाइन को कम से कम 2 फीट या उससे अधिक जमीन में गड़ाा जाना अनिवार्य है किंतु यहां पर यह पाइप लाइन हवा में झूलते आसानी सेे देखे जा सकते हैं। जो एक बड़े भ्रष्टाचार की निशानी है।
इस प्रकार के कई खामियों पर स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा कई बार प्रशासन को लिखित शिकायत दी किंतु कार्यवाही केेे नाम पर ढांक के तीन पात ही नजर आए, यहां तक की। क्षेत्रीय विधायक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा भी इस तरीके की खामियों पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी किंतु कुछ भी असर देखनेे को नहीं मिला हां इन दिनों सरयू की पेयजल सप्लाईल क्षेत्र में ठप्प पड़ी है जिससे प्रतीत हो रहा है कुछ ना कुछ मुख्य लाइन में लीपापोती जरूर हो रही है।
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